केंद्र सरकार द्वारा कोरोना काल में लागू तीन कृषि कानूनों के विरोध में सड़कों पर उतरे किसानों का आंदोलन शुक्रवार को 44वें दिन जारी है। नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े किसान संगठनों के नेता आज फिर किसानों की मांगों को लेकर विज्ञान भवन में केंद्रीय मंत्रियों से बात करेंगे। सरकार के साथ किसान नेताओं की यह आठवें दौर की वार्ता है। पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार, विज्ञान भवन में यह बैठक दोपहर दो बजे शुरू होगी।
केंद्रीय मंत्रियों के साथ होने वाली किसान संगठनों के नेताओं की इस बैठक में दो प्रमुख मुद्दों पर बातचीत होगी, जो तीन कृषि कानून और एमएसपी से जुड़े हैं। किसान संगठन तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं जबकि सरकार नये कानूनों में संशोधन करने और एमएसपी पर खरीद जारी रखने का लिखित आश्वासन देने को तैयार है।
सरकार के साथ इससे पहले किसान नेताओं की सात दौर की औपचारिक वार्ताएं हो चुकी हैं, जिसमें छह दौर की वार्ताएं मंत्रि-स्तरीय हुई हैं जबकि पहली औपचारिक वार्ता कृषि सचिव से हुई थी। इस संबंध में किसानों के प्रतिनिधि एक बार केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाकात कर चुके हैं। गृहमंत्री से दिसंबर में किसान नेताओं की मुलाकात के बाद उन्हें नये कानूनों में संशोधन और एमएसपी को लेकर लिखित आश्वासन देने समेत अन्य मसलों के समाधान के लिए प्रस्तावों का एक मसौदा भेजा गया था।
हालांकि उस मसौदे को किसान संगठनों ने मानने से इनकार कर दिया, लेकिन उसके बाद सरकार की तरफ से की गई पहल पर 30 दिसंबर 2020 को फिर वार्ता का दौर शुरू हुआ और नये साल में चार जनवरी को हुई सातवें दौर की वार्ता सिर्फ इस बात पर बेनतीजा रही कि किसान प्रतिनिधियों ने तीनों कानूनों को वापस लेने की प्रक्रिया पर सरकार से जवाब मिलने के बाद ही दूसरे मसले पर वार्ता करने की शर्त रख दी।
पंजाब के किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन (लाखोवाल) के जनरल सेकेट्ररी हरिंदर सिंह पिछले दौर की वार्ता में शामिल थे। उन्होंने आईएएनएस से कहा कि आज की बैठक में भी बातचीत के मसले वही हैं, लेकिन पहले तीनों कानूनों को वापस लेने के विषय पर बातचीत होगी। उन्होंने कहा, आज हम सबसे पहले सरकार से तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के संबंध में हां या ना में जवाब चाहेंगे। इसके बाद ही एमएसपी के मसले पर बातचीत होगी।
अब तक हुई मंत्रि-स्तरीय वार्ता की अगुवाई केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर करते रहे हैं और बैठक में रेलमंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री सोम प्रकाश शामिल रहे हैं। इस वार्ता में भी तीनों मंत्रियों के मौजूद रहने की संभावना है जबकि किसानों के करीब 40 या 41 प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे।
केंद्र सरकार द्वारा लागू कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी देने की मांग को लेकर किसान 26 नवंबर 2020 से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं।