केन्द्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा कि देश के विभिन्न भागों में चल रहा किसानों का आंदोलन मीडिया का ध्यान आकर्षित करने के लिए है। इस बयान के लिए उनकी कड़ी आलोचना हो रही है और विपक्षी पार्टियों ने उन्हें पद से हटाने की मांग की है। कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों ने मीडिया का ध्यान आकर्षित करने के लिए असामान्य तरीका अपनाया है। क्योंकि वे कुछ हजार सदस्यों वाले संगठनों से जुडे हैं।
किसानों ने रिण माफी तथा उपज का सही मूल्य मिलने जैसी मांगों को लेकर 10 दिन का विरोध प्रदर्शन शुरू किया है। किसानों ने सब्जियों, दूध तथा अन्य उत्पाद सड़कों पर गिरा दिए तथा अनेक शहरों के लिए आापूर्ति रोक दी थी। इस संबंध में पूछे जाने पर राधामोहन ने कहा, “मीडिया में आने के लिए असामान्य कार्य करना होता है।देश में 12-14 करोड़ किसान हैं। हमेशा से ऐसे संगठन रहेंगे जिनमें कुछ हजार लोग होंगे।”
कृषि मंत्री के इस बयान के लिए उनकी तीखी आलोचना हो रही है। बिहार में विपक्षी पार्टियों ने उन पर किसानों की दुर्दशा के प्रति असंवेदनशाील होने का आरोप लगाया और उन्हें हटाने की मांग की। वहीं केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि केन्द्र प्रदर्शन कर रहे किसानों की समस्याओं का शीघ्र हल करेगी और उनका प्रदर्शन समाप्त कराने के लिए कृषि उत्पादों का लाभकारी समर्थन मूल्यों की घोषणा करेंगी।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार गरीबों और जनता के हित में नीतियां चला रही है साथ ही करोंड़ो रूपए की अनेक योजनाएं शुरू की हैं जिसमें किसानों, कमजोर तबके के लोगों तथा महिलाओं को शामिल किया गया है।
एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा, हमारे देश में लोकतंत्र है और हम प्रदर्शन कर रहे किसी व्यक्ति पर एतराज नहीं करते, किसानों के प्रदर्शन के पीछे के कारणों पर मैं नहीं जाना चाहता। लोग खुद देखेंगे और प्रतिक्रिया देखेंगे। उनके मुद्दे का जब हम दीर्घकालिक हल लेकर आएंगे तब लोग स्वंय देखेंगे। वह मोदी सरकार की चार साल की उपलब्धियों के बारे में मीडिया से बात कर रहे थे।
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