राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने प्रदेश के लाखों किसानों के हित में नई कृषि कनेक्शन नीति-2017 के प्रावधानों का अनुमोदन किया है। इससे न केवल किसानों को फायदा मिलेगा बल्कि ऊर्जा की बचत भी होगी।
वर्तमान में गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले लघु सीमान्त किसानों तथा इंदिरा गांधी नहर परियोजना के समीप रहने वाले किसानों को प्राथमिकता से कृषि कनेक्शन देने का कोई प्रावधान नहीं है। नई नीति में बीपीएल लघु सीमान्त किसानों को 5 एचपी तक के कृषि कनेक्शन के लिए डिमांड नोट जारी करने में तीन साल तक की ओवरराइडिंग प्राथमिकता देने का प्रावधान किया गया है और यही प्राथमिकता इंदिरा गांधी नहर परियोजना की मुख्य नहर के दोनों तरफ एक किलोमीटर की दूरी में 5 एचपी तक कृषि कनेक्शन का आवेदन करने वाले सेम की समस्या से प्रभावित किसानों को भी दी जाएगी।
इस कोटे का लाभ उठाने वाले उपभोक्ता अपने कृषि कनेक्शन में लोड का इजाफा उस क्षेत्र में उनकी प्राथमिकता के बराबर सामान्य कृषि योजना के कनेक्शन जारी होने की तिथि अथवा कनेक्शन जारी होने से अधिकतम तीन साल पूरे होने की तिथि में से जो भी पहले हो, उसके बाद करवा सकेंगे।
नई कृषि नीति में उपभोक्ता के कटे हुए कऐक्शनों को पुन: जुड़वाने के मामलों में देय राशि पर ब्याज की दर 16 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत प्रतिवर्ष की गई है। चलित पम्प सेट योजना के उपभोक्ताओं को दूसरा कनेक्शन अन्य योजना में नई नीति लागू होने के बाद राज्य के तीनों विद्युत वितरण निगमों द्वारा संचालित सौर ऊर्जा चलित पम्प सेट योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा अनुदान प्राप्त करने वाले उपभोक्ताओं को दूसरा कृषि कनेक्शन सामान्य श्रेणी में देय नहीं होकर अन्य योजना में देय होगा।
ऐसे आवेदकों को लाइन तथा सबस्टेशन की कीमत देनी होगी परन्तु ट्ररिफ सामान्य योजना का ही देय होगा। नई नीति में किसानों को 20 हॉर्स पावर तक के भार का कृषि कनेक्शन ब्यूरों ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी द्वारा प्रमाणित 5 स्टार रेटेड पंप सेट स्थापित करने पर ही दिया जाएगा।
इसके मुताबिक जो उपभोक्ता अपनी स्थापित साधारण मोटर के स्थान पर 5 स्टार रेटेड मोटर लगाएंगे उन्हें सहायक अभियंता द्वारा सत्यापन करने के बाद 750 रूपये प्रति हॉर्स पावर के अनुदान के रूप में आगामी बिजली बिलों में छूट दी जाएगी।