जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हुए आत्मघाती हमले में 40 जवानों के शहीद होने से देशवासियों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है। पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए कोई युद्घ करने को कह रहा है तो कोई सर्जिकल स्ट्राइक की मांग कर रहा है।
वहीं पेटलावद के किसानों ने अबकी बार टमाटर की उपज पाकिस्तान निर्यात नहीं करने का फैसला किया है। किसनों का कहना है कि भले ही टमाटर सड़ जाए पढ़े-पढ़े खराब हो जाए कितना ही आर्थिक नुकसान हो जाए लेकिन हम टमाट किसी भी हालत में पाकिस्तान नहीं भेजेंगे।
मुख्यमंत्री कमलनाथ को जब किसानों के इस फैसले की खबर मिली तब उन्होंने ट्वीट किया कि पुलवामा हमले व आतंकी घटना के विरोध में झाबुआ जिले के पेटलावद के किसान भाइयों द्वारा अपने मुनाफे की परवाह न कर पाकिस्तान टमाटर नहीं भेजने का जो निर्णय लिया है,उसको मैं सलाम करता हूं। देशभक्ति से भरे इस जज्बे की प्रसंशा करता हूं। हर देशवासी को इनसे प्रेरणा लेना चाहिए।
शिवराजसिंह चौहान ने भी किया ट्वीट…
मुख्यमंत्री कमलनाथ के ट्वीट के बाद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने भी ट्वीट कर लिखा, मप्र के झाबुआ जिले के पेटलावद के किसान भाई नुकसान उठाकर भी अपने टमाटर पाकिस्तान नहीं भेजेंगे। यह जानकर मेरा सीना गर्व से चौड़ा हो गया। जय जवान, जय किसान।
फेमस है पेटलवद का टमाटर
पाकिस्तान में पेटलावद तहसील के टमाटर प्रसिद्घ हैं। हर साल बड़ी मात्रा में टमाटर पाकिस्तान भेजते हैं। यहां के टमाटर बिल्कुल लाल रंग के और खाने में खट्टे-मीठे स्वाद के होते हैं जिसकी वजह से पाकिस्तानी इसे विशेषतौर पर पसंद करतेे हैं। उरी हमले के बाद भी यहां के किसानों ने पाकिस्तान में टमाटर भेजने पर रोक लगा दी थी। अब किसानों ने सरकार को कहा है कि उनके टमाटरों के लिए कहीं अन्य बाजार को तलाशे।
इस तरीके से पाकिस्तान पहुंचया जाता टमाटर
बता दें कि पेटलावद का टमाटर पहले दिल्ली की मंडी पहुंचया जाता है। यहां से फिर पठानकोट के रास्ते पाकिस्तान भेजा जाता है। हालांकि दो साल पहले भी टमाटर भेजने का फैसला किया गया था,लेकिन फिर भी पठानकोट के रास्ते टमाटर भेज दिया जाता था। किसान यूनियन संघ का कहना है कि पाकिस्तान में हमारे यहां का टमाटर 200 से 250 रुपए प्रतिकिलो तक की ब्रिक्री हुई है।