रांची : झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने आज कहा कि किसानों की आय दुगुनी का करने का लक्ष्य निर्धारित समयसीमा में हासिल करने के लिए जनवरी 2019 से राज्य में कृषकों के लिए अलग से बिजली फीडर बनाने का काम शुरू हो जाएगा। श्री दास ने यहां कांके स्थित गागी गांव में प्रखंड कृषि महोत्सव सहकृषि चैपाल के शुभारंभ के बाद लोगों को संबोधित करते हुये कहा कि किसान अन्नदाता हैं। उनके जीवन में खुशहाली लाना सरकार का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद, मोदी ने 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करने का लक्ष्य रखा है।
राज्य सरकार इसी लक्ष्य को पाने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। इसके लिए गांव-गांव तक अच्छी सड़क, सिंचाई और बेहतर बिजली सुविधा पहुंचाने का काम चल रहा है। अगले साल जनवरी से किसानों के लिए अलग कृषि फीडर बनाने का काम शुरू होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में गांव-गांव तक संपर्क पथ बनाने के लिए 1500 करोड़ रुपये का कर्ज लिया गया है। इससे 15000 किलोमीटर सड़क बनायी जायेगी।
इसी प्रकार सिंचाई सुविधा बढ़ने के लिए इस साल 2000 तालाबों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले साल राज्य में छह लाख डोभा बनाये गये। इससे भूमिगत जल की स्थिति में भी सुधार हुआ। श्री दास ने कहा कि बिजली व्यवस्था में सुधार के लिए काम चल रहा है। राज्य में 60 ग्रिड, 257 सब स्टेशन की जरूरत है। इनका निर्माण हो रहा है। जर्जर तारों को पहली बार बदला जा रहा है।
दिसंबर 2018 तक राज्य के प्रत्येक घर में बिजली होगी। उन्होंने कहा कि इस वर्ष 12.5 लाख किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड देने का लक्ष्य रखा गया था, जिनमें से 11.41 लाख किसानों का इसका लाभ दिया जा चुका है। इसी तरह 25 लाख किसानों को मृदा परीक्षण कार्ड देने के लक्ष्य में से चार लाख कार्ड का वितरण किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान काफी मेहनत करते हैं।
बिचैलियों और दलालों के कारण उन्हें उपज का सही मूल्य नहीं मिलता है। बिचैलियों और दलालों से मुक्त कराने के लिए तकनीक को बढ़वा दिया जा रहा है। किसान मोबाइल की मदद से दूसरी मंडी में उत्पाद की कीमत जान सकते हैं। राज्य के प्रखंडों में कोल्डरूम खोले जा रहे हैं। मंडी बनाने में भी किसानों की मदद ली जायेगी। श्री दास ने कहा कि किसानों की आय केवल कृषि की मदद से नहीं बढ़यी जा सकती। पशुपालन, मछलीपालन और बागवानी भी इसमें मददगार साबित होंगे। उन्होंने कहा कि किसान गौपालन करें, सरकार इसमें मदद करेगी।
युवा समूह बनाकर डेयरी फार्म खोलें। इसके लिए सब्सिडी दी जा रही है। दूध बेचने के लिए कहीं जाने की जरूरत नहीं होगी। सरकार मेधा डेयरी के माध्यम से यह दूघ खरीद लेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ विकास विरोधी नेता लोगों के बीच भ्रम फैला रहे हैं। भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक के प्रावधानों के तहत मुआवजे की राशि के लिए अब लोगों को दो-तीन साल का इंतजार नहीं करना होगा। उन्हें अधिकतम आठ माह में मुआवजा मिल जायेगा। सरकारी विकास कार्यों के लिए भूमि समय पर मिलने से स्कूल, कॉलेज, बिजली सब स्टेशन, ग्रिड, नहर और सड़क निर्माण में तेजी आयेगी।
श्री दास ने कहा कि इससे गरीबों के जीवन में बदलाव आयेगा। उनके बच्चे स्कूलों में पढ़ सकेंगे। उन्होंने कहा कि गांव में अस्पताल बनने से बीमार होने पर शहरों के चक्कर नहीं काटने होंगे। सड़क बनने से किसानों को अपने उत्पाद शहरों तक लाने में आसानी होगी। बिजली मिलने से गांव की अर्थव्यवस्था में व्यापक बदलाव आयेगा। लेकिन, कुछ लोगों को केवल राजनीति करनी है, उन्हें लोगों की भलाई से कोई मतलब नहीं है। कार्यक्रम में कृषि मंत्री रणधीर सिंह, सांसद रामटहल चौधरी, कांके विधायक डॉ। जीतूचरण राम, कृषि विभाग की सचिव पूजा सिंघल समेत बड़ संख्या में कृषक उपस्थित थे।
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