कृषि कानून के विरोध में शाहजहांपुर में हुई महापंचायत में किसानों की नेता पूनम पंडित ने नए कृषि कानूनों को किसानों के लिए “डेथ वारंट” करार देते हुए उनसे 26 जनवरी को दिल्ली पहुंचने का आह्वान किया। शाहजहांपुर के बंडा कस्बे में शनिवार को किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए पूनम पंडित ने यह बातें कहीं हालांकि पुलिस के मुताबिक महापंचायत का आयोजन बिना इजाजत और निषेधाज्ञा के बीच किया गया।
किसान महापंचायत में पंडित ने कहा, “आप लोग अपने हक के लिए 26 जनवरी को दिल्ली जरूर पहुंचे”। उन्होंने कहा केंद्र सरकार के “काले कानून किसानों के लिये डेथ वारंट हैं।” उन्होंने कहा, “जिस तरह से किसान जगह-जगह रोके जा रहे हैं उससे तो यही लगता है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी किसानों के विरोधी हैं।”
महापंचायत रोकने के लिये प्रशासन ने किसान नेताओं से संपर्क किया था। कार्यक्रम के लिये प्रस्तावित जगह पर शनिवार को पीएसी के जवानों की तैनाती की गई थी। इसके बाद किसान एक खाली खेत में इकट्ठे होने शुरू हो गए तथा इसी बीच किसान नेता पूनम पंडित मोटरसाइकिल के द्वारा मंच पर आ गई उन्होंने लगभग 25 मिनट तक पंचायत को संबोधित किया।
पुलिस उपाधीक्षक पुवाया नवनीत नायक ने बताया, “जिले में धारा 144 लागू है तथा किसान संगठनों ने अपने लेटर हेड पर यह भी लिख कर दिया है कि महापंचायत निरस्त कर दी गई। इस आशय का वीडियो भी बना कर सोशल मीडिया पर प्रसारित किया गया। इसके बाद महापंचायत करना उचित नहीं है तथा इस पंचायत के लिए प्रशासन से किसी भी तरह की कोई अनुमति भी नहीं ली गई है।”