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1 दिसंबर को सिंघु बॉर्डर पर किसान संगठनों की बैठक, क्या आंदोलन खत्म करने पर होगी चर्चा ?

भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि कृषि कानून निरसन विधेयक 2021 आंदोलन के दौरान अपनी जान गंवाने वाले सभी 750 किसानों को श्रद्धांजलि है।

भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि कृषि कानून निरसन विधेयक 2021 आंदोलन के दौरान अपनी जान गंवाने वाले सभी 750 किसानों को श्रद्धांजलि है। कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन के बीच पंजाब के 32 किसान संगठनों ने सिंघु बॉर्डर पर बैठक कर आंदोलन को लेकर विचार विमर्श किया, जिसमें अभी तक यह तय किया गया है कि 1 दिसंबर को एसकेएम की एक आपात बैठक है। वहीं उसी दिन एमएसपी कमेटी को लेकर आंदोलन पर फैसला लिया जाएगा।
आंदोलन खत्म होने पर हो रही चर्चा
तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का विधेयक संसद में पारित भी हो गया है। एक साल से चल रहे आंदोलन में अब किसानों के बीच आंदोलन खत्म करने को लेकर अलग-अलग राय सामने आने लगी है। किसानों का एक धड़ा आंदोलन खत्म करने को लेकर अगुवाई कर रहा है तो कुछ नेता अपनी अन्य मांगों पर आंदोलन को जारी रखना चाहते हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक होगी
बीकेयू ‘कादियान’ के अध्यक्ष हरमीत सिंह कादियान ने बताया कि, एक दिसंबर को एसकेएम (संयुक्त किसान मोर्चा) की बैठक होगी। इसके बाद आगे की रणनीति पर फैसला लिया जाएगा। हालांकि 1 दिसंबर को होने वाली बैठक के अलावा एसकेएम ने 4 दिसंबर को अपनी अगली बैठक बुलाई हुई है। सिंघु बॉर्डर पर आज की बैठक के बाद नेताओं द्वारा बताया गया कि, 4 दिसंबर को होने वाली बैठक होगी, लेकिन 1 दिसंबर को एक आपातकालीन विशेष बैठक बुलाई है, इसमें सरकार के साथ अब तक 11 दौर की वार्ता के लिए जाने वाले किसान संगठनों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
सरकार की एमएसपी को लेकर क्या योजना है ?
दरअसल पंजाब किसान संघठनों का मानना है कि, कानून वापसी के बाद उनकी जीत हो चुकी है। इसलिए अब आंदोलन को जारी रखने को लेकर हम बैठक में तय करेंगे। वहीं किसान यह भी जानना चाहते हैं कि, सरकार की एमएसपी को लेकर क्या योजना है ? वहीं 30 नवंबर तक सरकार से जवाब भी चाहते हैं। भारतीय किसान यूनियन के उत्तरप्रदेश अध्यक्ष राजवीर सिंह जादौन ने कहा कि, हम अपने साथ मुकदमे लेकर घर नहीं जाना चाहते हैं, हम सभी किसानों की मांग है कि हमारी इन मांगों को सुना जाए।
पीएम मोदी ने 19 नवंबर को तीनों कृषि कानून वापस लिए थे
दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर को तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले की घोषणा की थी। इसके अलावा प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने 21 नवंबर को प्रधानमंत्री को एक पत्र लिख कर एमएसपी की कानूनी गारंटी सहित किसानों की छह मांगों पर फौरन वार्ता बहाल करने का अनुरोध किया था।

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