केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। बढ़ते तनाव के बीच पंजाब में हरियाणा की सीमा पर विभिन्न जगहों पर गुरुवार को हजारों प्रदर्शनकारी किसान इकट्ठा हुए। कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे ये लोग ‘दिल्ली चलो’ के तहत राष्ट्रीय राजधानी की ओर बढ़ रहे थे जिन्हें हरियाणा पुलिस ने सीमा पर रोक लिया।
दिल्ली की ओर कूच कर रहे किसानों ने पुलिस बैरिकेडिंग को उखाड़ कर फेंक दिया, साथ ही सड़क पर लगे डिवाइडरों को भी नुकसान पहुंचाया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर परथराव भी किया। जिसके बाद भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया।
किसी भी स्थिति से निपटने के लिए रैपिड एक्शन फोर्स समेत पुलिस की एक बड़ी टुकड़ी को तैनात किया गया है और वे बुधवार शाम से किसानों को हटाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके चलते पंजाब-हरियाणा सीमा के करीब के कस्बों में रहने वाले लोगों को खासी समस्याओं का सामना करना पड़ा।
प्रदर्शन के कारण हरियाणा में प्रवेश करने वाली कई लिंक सड़कों के साथ मेट्रो और बस सेवा को भगी बंद कर दिया गया है। अंबाला पटियाला बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस ने कुछ ट्रकों को खड़ा किया है, ताकि किसान आगे ना आ सके. लेकिन अब किसानों ने उसी ट्रक को तोड़ना शुरू कर दिया और धक्का देकर आगे किया जा रहा है।
पूरे क्षेत्र में धारा 144 लगा दी गई है और पूरी सीमाओं पर एक तरह से किलेबंदी कर दी गई है। इससे एक दिन पहले किसानों की हरियाणा पुलिस के साथ जमकर हाथापाई हुई थी, जब पुलिस उन्हें दिल्ली की ओर आगे बढ़ने से रोकने में विफल रही थी। प्रदर्शनकारियों में पुरुष-महिलाएं, युवा और बुजुर्ग सभी शामिल हैं। यहां तक कि स्कूल-कॉलेज के छात्र भी हैं जो ट्रैक्टर-ट्रेलर, कार और मोटरसाइकिल के जरिए पंजाब से हरियाणा में प्रवेश करने में कामयाब रहे। इन पर पानी की तेज धार भी छोड़ी गई।
बाद में ये लोग हरियाणा में मौजूद हजारों प्रदर्शनकारियों के साथ मिल गए, जिनका नेतृत्व भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के राज्य प्रमुख गुरनाम सिंह चारुनी कर रहे हैं। पुलिस ने हरियाणा के लगभग 100 किसान नेताओं को एहतियात के तौर पर हिरासत में लिया है। पुलिस के अनुमान के मुताबिक दोनों राज्यों के लगभग 3 लाख किसान ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन के तहत दिल्ली पहुंच सकते हैं।