केंद्र सरकार के तीन अध्यादेशों के खिलाफ देश के अन्नदाता किसान ने आज संसद भवन तक कूच का ऐलान किया है। इस प्रदर्शन में हरियाणा, तेलंगाना, महाराष्ट्र, पंजाब, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के किसान शामिल होंगे। केंद्रीय कैबिनेट में पास किए गए तीन अध्यादेशों को केंद्र ने सोमवार को संसद में बिल के रूप में पेश कर दिया है।
कृषि में सुधार के कार्यक्रमों को लागू करने और किसानों की आय बढ़ाने के मकसद से ये तीन अध्यादेश लाए गए हैं। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सोमवार को किसान उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक, 2020 और किसानों (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) का मूल्य आश्वासन अनुबंध एवं कृषि सेवाएं विधेयक, 2020 लोकसभा में पेश किए।
केंद्र के इन अध्यादेशों का विरोध तब से किया जा रहा है जबसे मोदी कैबिनेट ने इन्हे मंजूरी दी है। कृषि से जुड़े तीन विधेयकों को ‘किसान विरोधी’ बता प्रदर्शन कर रहे किसानों लगातार प्रदर्शन कर रहें हैं। किसानों और किसान संगठनों का कहना है कि ये नये तथाकथित कृषि सुधार लागू होने से किसान और उसकी उपज पर प्राइवेट कंपनियों का कब्जा हो जाएगा और सारा फायदा बड़ी कंपनियों को मिलेगा।
केंद्र प्रस्तावित बिल में अधिसूचित कृषि मंडियों के बाहर कृषि उत्पादों को बिना किसी बाधा बेचने का प्रावधान है और किसानों को कृषि उत्पादन और बिक्री के लिए निजी संस्थाओं से समझौता करने के लिए सशक्त किया गया है। अध्यादेश का मूल उद्देश्य एक देश, एक कृषि बाजार की अवधारणा को बढ़ावा देना और एपीएमसी बाजारों की सीमाओं से बाहर किसानों को कारोबार के साथ ही अवसर मुहैया कराना है। ताकि किसानों को फसल की अच्छी कीमत मिल सके।