बीजेपी : दिल्ली के राजनीतिक माहौल में आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच वाकयुद्ध और तेज हो गया है। हाल ही में, आप के नेताओं द्वारा भगवान राम और लक्ष्मण की तुलना करने के बाद बीजेपी ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है, जिससे राजनीतिक चर्चाएँ और भी गरमा गई हैं।
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भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की हालिया टिप्पणियों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। सिसोदिया ने खुद की तुलना लक्ष्मण और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भगवान श्री राम से की थी। पूनावाला ने मीडिया से बातचीत में कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक शराब घोटाले में शामिल व्यक्ति ऐसे महापुरुषों की तुलना कर रहा है। अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि वह कभी कांग्रेस से हाथ नहीं मिलाएंगे, लेकिन अब उनकी पार्टी हरियाणा में कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की कोशिश कर रही है। ऐसे व्यक्ति की तुलना श्री राम से नहीं की जानी चाहिए जो अपनी बात पर कायम नहीं रह सके।"
सिसोदिया ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वे आप और उनके बीच दरार पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "मैंने बीजेपी से कहा था कि वे लक्ष्मण को राम से अलग करने की कोशिश न करें। कोई भी रावण उस बंधन को कभी नहीं तोड़ सकता।" उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बीजेपी ने उन्हें और उनकी पार्टी को विभाजित करने के कई प्रयास किए हैं। सिसोदिया ने यह दावा किया कि बीजेपी ने अदालत में झूठा दावा किया कि केजरीवाल ने उन्हें दोषी ठहराया है, जबकि वह हमेशा अपने नेता के साथ खड़े रहे हैं।
पूनावाला ने आप के हालिया कार्यों में विरोधाभास की ओर भी ध्यान दिलाया। उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार ने दिवाली पर पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया था, लेकिन जब शराब घोटाले में संदिग्ध को सशर्त जमानत मिली, तो आप कार्यकर्ता पटाखे फोड़कर जश्न मनाते देखे गए। पूनावाला ने कहा, "कुछ दिन पहले दिल्ली सरकार ने आदेश जारी किया था कि दिवाली पर दिल्ली में कोई पटाखे नहीं फोड़े जाएंगे, लेकिन जब शराब घोटाले में शामिल एक व्यक्ति सशर्त जमानत पर बाहर आया, तो आप कार्यकर्ता पटाखे फोड़ रहे थे।"
इस बीच, पार्टी कार्यकर्ताओं में भी आक्रोश देखा जा रहा है। सिसोदिया ने अपने समर्थकों से अपील की है कि वे इन प्रयासों के खिलाफ एकजुट रहें और बीजेपी की चालों को समझें। उनका मानना है कि यह समय एकजुटता दिखाने का है और पार्टी को अपनी प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।