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PM मोदी के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका दायर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सांसद के तौर पर वाराणसी से चुने जाने को चुनौती देने वाली एक चुनाव याचिका इलाहाबाद उच्च न्यायालय में दायर की गई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सांसद के तौर पर वाराणसी से चुने जाने को चुनौती देने वाली एक चुनाव याचिका इलाहाबाद उच्च न्यायालय में दायर की गई है। यह याचिका तेज बहादुर यादव ने दायर की है जो नामांकन पत्र रद्द होने से चुनाव नहीं लड़ सके थे। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) से बर्खास्त यादव को वाराणसी से समाजवादी पार्टी का उम्मीदवार घोषित किया गया था। 
उन्हें भ्रष्टाचार या बेईमानी के लिए नहीं बर्खास्त किया गया था, यह प्रमाण पत्र देने में विफल रहने पर वाराणसी के जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा एक मई 2019 को उनका नामांकन पत्र खारिज कर दिया गया था। यादव का नामांकन पत्र खारिज किए जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कुल 31 उम्मीदवार वाराणसी संसदीय सीट के लिए मैदान में थे। तेज बहादुर यादव ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के कथित दबाव के चलते वाराणसी के निर्वाचन अधिकारी ने गलत तरीके से उनका नामांकन पत्र खारिज किया था जिसकी वजह से वह प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ चुनाव नहीं लड़ सके, जो कि उनका संवैधानिक अधिकार है। 
उन्होंने अदालत से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वाराणसी से बतौर सांसद चुनाव अवैध घोषित करने का अनुरोध किया है। अपनी चुनाव याचिका में तेज बहादुर यादव ने यह भी आरोप लगाया है कि उनका नामांकन पत्र खारिज करने से पहले उन्हें अपना पक्ष रखने का अवसर नहीं दिया गया। यादव ने दलील दी है कि चूंकि मोदी ने नामांकन पत्र में अपने परिवार के बारे में विवरण नहीं दिया है, इसलिए उनका नामांकन पत्र भी रद्द किया जाना चाहिए था जो कि नहीं किया गया। 
उन्होंने एक स्टिंग आपरेशन का भी हवाला दिया है जिसमें दिखाया गया था कि निर्वाचन आयोग द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षक वाराणसी के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कक्ष में गया था। याचिकाकर्ता के मुताबिक, पर्यवेक्षक का यह कृत्य यह संदेह पैदा करता है कि इस पूरे प्रकरण में कुछ छल कपट चल रहा था। नियम के मुताबिक, तेज बहादुर यादव अपनी चुनाव याचिका दायर करने के लिए सात जुलाई, 2019 को रजिस्ट्रार जनरल के समक्ष मौजूद थे। अब उच्च न्यायालय के नियमों में उल्लिखित प्रक्रिया के मुताबिक, इस चुनाव याचिका को मुख्य न्यायाधीश के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा जिस पर सुनवाई के लिए वह पीठ नामित करेंगे। 

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