कुछ समय पहले देश में रिलिज हुई फिल्म द कश्मीर फाइल्स कश्मीर के उस दर्द को बयां की जो वर्षो पहले कश्मीर में रह रहें कश्मीरी पंडितो के साथ हुआ, पूरे मानवता को शर्मसार करने वाला यह घटना जिसके कारण हजारो हिन्दूओं को अपने घर कश्मीर छोड़ने पर मजबूर किया गया, जो उन जेहादियों की बात माने उनका भी कत्लेआम और जो न माने उनका भी कतलेआम। कई सालों बाद जब यह सच पूरी तरह से सामने आया तो देश में रहने वाले लोगों की आंखे में नमी व गुस्सा पनपा, और अब यह फिल्म एक बार फिर से चर्चा का विषय बना हुआ है।
दरअसल गोवा में हाल ही में खत्म हुए 53वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में इजराइली फिल्ममेकर नादव लैपिड ने बतौर हेड ज्यूरी शिरकत की। इस दौरान उन्होंने बॉलीवुड फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को बेहूदा और प्रोपेगेंडा करार दिया। नादव के बयान के बाद हर तरफ हडकंप मचा गया और इस इजराइली डायरेक्टर की आलोचना की जाने लगी। इस बीच नादव लैपिड ने अपने इस विवादित बयान की असली वजह बताई है।
नादव लैपिड ने क्यों दिया द कश्मीर फाइल्स पर बयान
इजराइली फिल्ममेकर नादव लैपिड ने हाल ही में लोकल प्रेस Ynet को दिए इंटरव्यू में आईएफएफआई 2022 के दौरान ‘द कश्मीर फाइल्स’ पर बयान देने के बारे में बात की है। नादव लैपिड ने कहा है कि- ‘मुझे इस बात का पता था कि ये एक ऐसी घटना थी, जो देश के साथ जुड़ी है। इस तरह का बयान देना मेरे लिए आसान नहीं था। जब मैंने इस फिल्म को देखा तो मैंने इसकी इजराइल के समान कल्पना कर ली।
जो फिलहाल वहां मौजूद नहीं हैं, लेकिन आने वाले समय में निश्चित रूप से मौजूद हो सकता है। मैं ऐसी जगह से नाता रखता हूं, जहां खुद में सुधार नहीं। ऐसा करने से पहले मैं आशंकित और बेचैन था। इस तरह की फिल्म ने डिस्टर्ब किया। इन मुद्दों पर कोई बात नहीं करना चाहता, इसलिए मुझे ही खड़ा होना पड़ा और मैंने ऐसे किया। मेरे भाषण के बाद समारोह में मौजूद लोगों ने मुझे धन्यवाद भी बोला।’
नादव लैपिड की हो रही है आलोचना
‘द कश्मीर फाइल्स’ पर विवादित देने के बाद नादव लैपिड की सोशल मीडिया से लेकर जमीनी स्तर तक जमकर आलोचना हो रही है। तमाम बॉलीवुड हस्तियां नादव लैपिड को खरी-खोटी सुना रही हैं। इतना ही नहीं भारत में इजराइल के राजदूत नाओर गिलोन ने भी इस इजराइली फिल्ममेकर को लताड़ा और उनके खिलाफ ओपन लेटर भी लिखा है।