नयी दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने सोमवार को आरोप लगाया कि राफेल विमान सौदे को लेकर वित्त मंत्री अरुण जेटली और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद को गुमराह किया है। उन्होंने राफेल मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के गठन की मांग करते हुए दावा किया कि सरकार तथ्यों को छिपाना चाहती है इसीलिए वह जेपीसी से भाग रही है। एंटनी ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘सरकार विमानों की वास्तविक कीमत बताने से क्यों बच रही है? जेपीसी के गठन से क्यों भाग रही है? हम इस मांग को दोहराते हैं कि इस मामले के लिए जेपीसी बननी चाहिए। जेपीसी से ही मामले की सच्चाई सामने आ सकती है।’’
विमान सौदे से जुड़ी अपनी फाइल नोटिंग से जुड़ा रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के बयान का हवाला देते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘रक्षा मंत्री ने संसद में झूठ बोला। मेरी फाइल नोटिंग में स्पष्ट रूप से कहा गया था कि सौदे से जुड़े जो सवाल आए थे, उन पर गौर किया जाएगा लेकिन बातचीत जारी रहेगी। यानी सौदे को लेकर बातचीत लगातार चल रही थी। इसके विपरीत रक्षा मंत्री ने यह कहा कि मैंने फाइल पर अनुमति दे दी थी।’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘राफेल विमान मामले में वित्त मंत्री और रक्षा मंत्री ने संसद को गुमराह किया है। मोदी सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता किया है।’’ राफेल विमान सौदे से जुड़ा घटनाक्रम पेश करते हुए पूर्व रक्षा मंत्री ने सवाल किया, ‘‘जब वायुसेना को 126 लड़ाकू विमानों की जरूरत थी तो फिर विमानों की संख्या 36 क्यों की गई? प्रधानमंत्री को विमानों की संख्या कम करने लिए किसने अधिकृत किया? विमानों की संख्या के बारे में फैसला प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री नहीं कर सकते। यह सिर्फ रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) ही कर सकती है।’’
एंटनी ने कहा कि उनके रक्षा मंत्री रहते हुए एल1 विमान के चयन को लेकर सुब्रह्मण्यम स्वामी और भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने शिकायत की थी जिसके बाद उन्होंने पर इस गौर करने का फैसला किया था। गौरतलब है कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने गत चार जनवरी को लोकसभा में राफेल मामले पर चर्चा का जवाब देते हुए एंटनी की फाइल नोटिंग का उल्लेख किया था और आरोप लगाया था कि तत्कालीन सरकार का इरादा विमान खरीदने का नहीं था।