भाजपा ने मंगलवार को कहा कि कोरोना महामारी संकट के कारण अर्थव्यवस्था के लिए पैदा हुए मुश्किल हालात में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कप्तानी में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में स्वास्थ्य, आधारभूत ढांचा, कृषि, जन कल्याण एवं आत्मनिर्भर भारत की योजनाओं को प्राथमिकता देकर शतक लगाया है।
लोकसभा में ‘वित्त विधेयक 2021’ पर चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने यह भी कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार में हर कदम गरीबों के हित को ध्यान में रखकर और सबका साथ, सबका विकास एवं सबका विश्वास’ की भावना के साथ उठाया गया है। उन्होंने कहा कि संकट के समय भी इस बार के बजट में आम लोगों पर कर का किसी तरह का बोझ नहीं डाला गया जिसके लिये पूरे देश में प्रधानमंत्री मोदी और वित्त मंत्री की प्रशंसा हो रही है ।
अग्रवाल ने कोरोना संकट और अर्थव्यवस्था के लिए मुश्किल हालात का उल्लेख करते हुए कहा कि क्रिकेट में प्रत्येक शतक का महत्व होता है, लेकिन पिच मुश्किल हो, विरोधियों ने घेर रखा हो तो उस वक्त के शतक का अलग ही महत्व है । कोरोना काल में वित्त मंत्री ने अपने कप्तान प्रधानमंत्री के नेतृत्व में दबाव के समय शतक लगाया है ।
उन्होंने कहा कि इन मुश्किल हालात में भी बजट में स्वास्थ्य, आधारभूत ढांचा, कृषि, जन कल्याण एवं आत्मनिर्भर भारत की योजनाओं को प्राथमिकता दिया गया है। उन्होंने कहा कि विकास के सभी मानकों पर देश प्रगति कर रहा है। कोरोना संकट भी में विदेशी मुद्रा भंडार 580 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। यह सरकार की नीतियों के प्रति विश्वास का प्रमाण है।
अग्रवाल ने केंद्र सरकार की कई योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार के समय केंद्र से एक रूपए आवंटित होता है तो लोगों तक एक रुपया ही पहुंचता है। किसानों के कल्याण के कदमों एवं कृषि कानूनों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आम किसान मानता है कि तीनों कृषि किसानों के पक्ष में हैं।
भाजपा सांसद ने यह भी कहा कि करदाताओं की संख्या दो गुना हो गई और अब यह छह करोड़ से अधिक है। केंद्र में मोदी सरकार बनने के समय देश का बजट 16 लाख करोड़ रूपए था, लेकिन आज बजट अब 34 लाख करोड़ रूपए हो गया।उन्होंने आरोप लगाया कि आजादी के बाद कांग्रेस की सरकारों के वामपंथ रुझानों के कारण देश में उद्योगों का नुकसान हुआ और साथ ही भौगोलिक क्षेत्र का भी नुकसान हुआ।
अग्रवाल ने कहा कि 1991 में वैश्वीकरण से कोई भारी परिवर्तन नहीं हुआ, लेकिन देश एक बड़ा बाजार बन गया। भाजपा सांसद ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने वोटबैंक को ध्यान में रखकर नीतियां बनाईं, लेकिन मोदी सरकार ने ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ की भावना से काम किया है।
59 मिनट में ऋण योजना के तहत अब तक 60,000 करोड़ रूपए आवंटित किए गए : ठाकुर
सरकार ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि छोटे एवं मध्यम उद्योगों के लिए शुरू की गयी 59 मिनट में ऋण योजना के तहत अब तक 60,000 करोड़ रूपए आवंटित किए गए हैं। वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रश्नकाल के दौरान विभिन्न पूरक सवालों के जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह योजना अभी शुरुआती चरण में है और इस दौरान छोटे एवं मध्यम उद्योगों के लिए 60,000 करोड़ रुपए का रिण उस क्षेत्र के लिए बड़ी सुविधा है।
सरकार ने छोटे और मध्यम उद्योगों के लिए 59 मिनट में ऋण देने की योजना शुरू की है और इसके लिए एक पोर्टल बनाया गया है। उन्होंने कहा कि 2014 में सत्ता में आने के बाद इस सरकार ने बैंकिंग क्षेत्र में पारदर्शिता पर जोर दिया है जिससे फर्जीवाड़ा और घोटालों की संख्या में कमी आई है। उन्होंने कहा कि 2014 के पहले देश में ‘‘ फोन बैंकिंग’’ चलती थी लेकिन उनकी सरकार ने डिजिटल बैंकिंग पर जोर दिया है।
ठाकुर ने कहा कि सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों की वजह से न सिर्फ सार्वजनिक बैंकों की गैर-निष्पादित संपत्ति (एनपीए) में कमी आयी है बल्कि उनकी वसूली भी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि 2013-14 में बैंकों की सकल एनपीए 8.96 लाख करोड़ रुपए था जो दिसंबर 2020 में घटकर 5.70 लाख करोड़ रुपए रह गया।
उन्होंने कहा कि इस दौरान बैंकों की वसूली 2.74 हजार करोड़ रुपए रही। फर्जीवाड़ों में कमी आने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 2013-14 में यह दर 1.01 प्रतिशत थी जो अब 0.23 प्रतिशत रह गई है। ठाकुर ने कहा कि सरकार सार्वजिनक क्षेत्र के बैंकों को प्रतिस्पर्धी और मजबूत बनाने पर जोर दे रही है। इसके लिए इन बैंकों में 4.38 लाख करोड़ रुपए का पुनर्पूंजीकरण किया गया है।