बीते मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया। इस पैकेज से कोरोना महामारी से लड़ रहे भारत की अर्थव्यवस्था को गति देने की कोशिश की जा रही है। बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कांफ्रेंस करके इस आर्थिक पैकेज के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इसके पहले चरण में उन्होंने MSME से लेकर, रियल एस्टेट कंपनियों और आम करदाताओं तक को राहत दी। आज यानी गुरूवार को भी निर्मला सीतारमण और वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर एक बार फिर मीडिया कांफ्रेंस के माध्यम से इस आर्थिक पैकेज के बारे में जानकारी दी है।
-मार्च 2021 तक मध्यम आय समूह (वार्षिक आय 6-18 लाख रुपये) के लिए क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना (सीएलएसएस) का विस्तार किया जायेगा। 2020-21 के दौरान लाभ के लिए 2.5 लाख मध्यम आय वाले परिवार को लाभ दिया जायेगा।
-50 लाख सड़क विक्रेताओं की मदद करने के लिए सरकार 5000 करोड़ रुपये के विशेष क्रेडिट सुविधा की घोषणा की गयी।
-भारत सरकार 12 महीने की अवधि के लिए मुदरा-शिशु ऋण भुगतान के लिए 2% का ब्याज सबवेंशन प्रदान करेगी और MUDRA-Shishu ऋण भुगतानकर्ताओं को 1500 करोड़ रुपये की राहत दी जाएगी।
-प्रवासी श्रमिकों / शहरी गरीबों के लिए किफायती किराये के आवास के लिए एक योजना शुरू करने के लिए रियायती के माध्यम से पीपीपी मोड के तहत शहरों में अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग कॉम्प्लेक्स (एआरएचसी) के लिए सरकार द्वारा आर्थिक मदद की जाएगी।
-वन नेशन वन राशन कार्ड लागू किया जाएगा- पीडीएस की 83% आबादी वाले 23 राज्यों में 67 करोड़ लाभार्थियों को अगस्त 2020 तक राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी द्वारा कवर किया जाएगा।
-प्रवासी मजदूरो को दो महीने के लिये मुफ्त राशन, प्रति व्यक्ति 5 किलो गेहूं या चावल, प्रति परिवार एक किलो चना मिलेगा। इसके लिये 3,500 करोड़ रुपय का प्रावधान किया गया है।
-वित्त मंत्री ने राहत पैकेज की दूसरी किस्त जारी करते हुए कहा, तीन करोड़ छोटे किसान पहले ही कम ब्याज दर पर चार लाख करोड़ रुपये का कर्ज ले चुके हैं।-केंद्र सरकार के आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की दूसरी किस्त में प्रवासी मजदूरों, फेरी वालों और छोटे किसानों को मिलेगा लाभ।
-25 लाख नये किसान क्रेडिट कार्डधारकों को 25,000 करोड़ रुपये का कर्ज मंजूर किया गया है। साथ ही किसानों ने 4.22 लाख करोड़ का लोन लिया, किसानों को लोन पर 3 महीने की छूट दी गई है। इंट्रेस्ट सबवेंशन स्कीम को बढ़ाकर 31 मई तक किया गया।
-मार्च और अप्रैल 2020 केवल दो महीने में 63 लाख लोगों के लिये 86,000 करोड़ रुपये मूल्य के ऋण मंजूर किये गये है।नाबार्ड ने अकेले मार्च में ग्रामीण बैंकों को 29,500 करोड़ रुपये की मदद दी है।
-प्रवासियों के लिए आश्रय स्थापित करने और उन्हें भोजन और पानी आदि प्रदान करने के लिए राज्य सरकार ने एसडीआरएफ का उपयोग करने की अनुमति दी है। राज्यों को प्रवासी मजदूरों अन्य का ध्यान रखने के लिये 11,000 करोड़ रुपये दिये गये है और शहरी बेघरों को केन्द्र सरकार के खर्च पर प्रतिदिन खाना मुहैया कराया जा रहा है।
-सीतारमण ने प्रवासी मजदूरों के लिये रोजगार के अवसरों पर कहा, मनरेगा के तहत 13 मई तक 14.62 करोड़ मानव दिवस सृजित किये गये। मनरेगा के तहत उन्हें रोजगार दिया जाएगा. 2.33 करोड़ लोगों को फायदा। न्यूनतम मजदूरी पहले ही 182 से बढ़ाकर 202 रुपये की जा चुकी है।
-# COVID19 की अवधि में 12,000 स्वयं सहायता समूहों (SHG) ने 3 करोड़ से अधिक मास्क और 1.2 लाख लीटर सैनिटाइज़र का उत्पादन किया है। पिछले दो महीनों के दौरान शहरी गरीबों के लिए 7,200 नए एसएचजी का गठन किया गया है।
-वित्त मंत्री ने कामकाज के क्षेत्र में सुधारों के बारे में कहा, सरकार एक समान न्यूनतम मेहनताना अधिकार होने के पक्ष में, राष्ट्रीय स्तर पर एक न्यूनतम वेतन के जरिये विभिन्न क्षेत्रों में व्याप्त इसके अंतर को दूर किया जायेगा।
वित्त मंत्री ने आर्थिक पैकेज को लेकर बुधवार किये थे ये बड़े ऐलान
-वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसमएई) समेत उद्यमों को बिना गारंटी वाले 3 लाख करोड़ रुपये के कर्ज की सुविधा देने की घोषणा की। उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा मंगलवार को घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज का ब्योरा देते हुए संवाददाताओं को बताया कि इस स्वचालित कर्ज सुविधा से 45 लाख इकाइयों को लाभ होगा।
-वित्त मंत्री ने कहा कि यह कर्ज चार साल के लिये दिया जाएगा और 12 महीने तक किस्त से राहत दी जाएगी। इसके अलावा इस समय कर्ज नहीं चुका पा रही एमएसएमई इकाइयों के लिए भी कुल 20,000 करोड़ रुपये के कर्ज की सुविधा दी जाएगी। इससे 2 लाख इकाइयों को लाभ होगा। सीतारमण ने कहा कि एमएसएमई्र के लिये ‘फंड ऑफ फंड’ गठित किया जा रहा है, इसके जिरये वृद्धि की क्षमता रखने वाले एमएसएमई में 50,000 करोड़ रुपये की इक्विटी पूंजी डाली जाएगी।
-इसके साथ एमएसएमई की परिभाषा बदली गयी है। इसके तहत अब एक करोड़ रुपये तक के निवेश वाली इकाइयां सूक्ष्म इकाई कहलाएगी। अबतक यह सीमा 25 लाख रुपये थी। उन्होंने कहा कि इसके साथ एमएसएमई की परिभाषा के लिये कारोबार आधारित मानदंड बनाया गया है। इसके तहत 5 करोड़ रुपये तक के कारोबार वाली इकाइयां भी सूक्ष्म इकाइयां कहलाएंगी। मुख्य रूप से लघु इकाइयों को को परिभाषित करने के लिये यह मानदंड लाया गया है।
-सीतारमण ने कहा कि लघु एवं मझोले उद्यमों के लिये निवेश और कारोबार सीमा बढ़ाने के जरिये उन्हें वित्तीय और अन्य लाभ उठाने की अनुमति दी गयी है। उन्होंने यह भी कहा कि 200 करोड़ रुपये तक के लिये सरकारी खरीद को लेकर वैश्विक निविदा पर पाबंदी होगी। इससे एमएसएमई को सरकारी निविदाओं में भाग लेने, प्रतिस्पर्धा करने और आपूर्ति करने में मदद मिलेगी।
-सरकार ने बुधवार को आकलन वर्ष 2020- 21 के दौरान आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 30 नवंबर 2020 कर दिया । इसके साथ ही कर विवादों के निपटान के लिये लाई गई ‘विवाद से विश्वास योजना’ का लाभ भी बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के 31 दिसंबर 2020 तक बढ़ा दिया गया है।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रधानमंत्री द्वारा मंगलवार को घोषित आर्थिक पैकज का ब्यौरा रखते हुये सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम (एमएसएमई) उद्योग के लिये कई तरह की राहतों का एलान करने के साथ ही पिछले वित्त वर्ष के लिये इस आकलन वर्ष में भरी जाने वाली व्यक्तिगत आयकर रिटर्न और अन्य रिटर्न दोनों के लिये अंतिम तिथि 30 नवंबर 2020 तक बढ़ी दी गई है।
-पुराने लंबित कर विवादों के निपटारे के लिये लाई गई विवाद से विश्वास योजना का लाभ भी अब 31 दिसंबर 2020 तक उपलब्ध होगा। वित्त मंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत लंबित विवादों के निपटारे की चाह रखने वाले करदाता अब 31 दिसंबर 2020 तक आवेदन कर सकेंगे। इसके लिये उन्हें अलग से किसी तरह का कोई शुल्क नहीं देना होगा।
-वित्त मंत्री ने एक अन्य घोषणा में कहा कि सभी धर्मार्थ न्यासों, गैर- कारपोरेट कारोबारों, पेशेवरों, एलएलपी फर्मों, भागीदारी फर्मों सहित को उनका लंबित रिफंड जल्द लौटाया जायेगा। उन्होंने बताया कि इससे पहले सरकार पांच लाख रुपये तक के 18,000 करोड़ रुपये तक रिफंड करदाताओ को कर चुकी है। यह रिफंड 14 लाख करदाताओं को किया गया।