केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने निजी क्षेत्र की कंपनियों से सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों (एमएसएमई) का बकाया 45 दिन के भीतर चुकाने को कहा है। उन्होंने इस बात को माना कि केंद्र सरकार के विभाग और उपक्रम भी एमएसएमई का बकाया समय पर नहीं दे रहे हैं।
लघु उद्योग भारती के एक कार्यक्रम में सीतारमण ने कहा….
सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र, राज्य सरकारों और सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों का भी एमएसएमई क्षेत्र पर बकाया है।वित्त मंत्री ने कहा कि दो दिन पहले उनकी बड़े कारोबारियों से मुलाकात हुई थी जिनसे उन्होंने यह सुनिश्चित करने की अपील की कि अर्थव्यवस्था की रीढ़ कहे जाने वाले छोटे व्यवसायों का बकाया समय पर चुकाया जाए।
लघु उद्योग भारती के एक कार्यक्रम में सीतारमण ने कहा, ‘‘निजी क्षेत्र और उद्योग को 45 दिन के भीतर भुगतान का संकल्प लेना चाहिए और कंपनी पंजीयक में खाता पुस्तिका दाखिल करनी चाहिए जिससे कि वह बकाया का उल्लेख कर सके। निजी क्षेत्र को भी आगे आना चाहिए।’’
सरकार की योजनाएं जैसे कि ट्रेड्स मंच और समाधान पोर्टल- निर्मला
जानकारी के मुताबिक उन्होंने कहा कि केंद्रीय विभाग और उपक्रम भी एमएसएमई को समय पर भुगतान नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार भी इस मुद्दे का समाधान निकालने के लिए कदम उठाएगी और यह सुनिश्चित करेगी कि उसके विभाग और सार्वजनिक उपक्रम छोटे व्यवसायों को 90 दिन के भीतर भुगतान करें। उन्होंने राज्य सरकारों से भी समय पर बकाया चुकाने की अपील की। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार की योजनाएं जैसे कि ट्रेड्स (व्यापार प्राप्तियां रियायत प्रणाली) मंच और समाधान पोर्टल छोटे व्यवयासों को समय पर भुगतान दिलाने में मददगार हैं। उन्होंने एमएसएमई क्षेत्र से प्रौद्योगिकी अपनाने और प्रभावी उत्पादन के लिए कौशल प्रशिक्षण देने का अनुरोध किया।