सतत विकास लक्ष्यों (sustainable development goals) के अनुरूप समावेशी, टिकाऊ और लचीला बुनियादी ढांचा तैयार करने के लिए वित्तपोषण तथा विकास प्राथमिकताओं को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को फिर से तय करने का आह्वान किया।
एसडीजी को 2015 में अपनाया गया था और इसके तहत पूरी दुनिया ने 2030 तक अत्यधिक गरीबी खत्म करने, असमानता को कम करने और पृथ्वी को संरक्षित करने का साझा लक्ष्य तय किया है। सीतारमण ने सिंगापुर के वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले एंटरप्राइज सिंगापुर और सिंगापुर मौद्रिक प्राधिकरण द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एशिया इंफ्रास्ट्रक्चर फोरम में सरकार द्वारा बुनियादी ढांचे पर खर्च को बढ़ावा देने के लिए किए गए विभिन्न उपायों की जानकारी दी।
वित्त मंत्रालय ने कई ट्वीट करके कहा, ‘‘वित्त मंत्री ने खुले, नियम आधारित और पारदर्शी आर्थिक वातावरण के लिए भारत के नीति आधारित दृष्टिकोण, निजी निवेश और विदेशी पूंजी को प्रोत्साहन, सार्वजनिक व्यय में वृद्धि और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए मजबूत संस्थागत संरचना पर जोर दिया।’’
इसके साथ ही सीतारमण ने बुनियादी ढांचे और विकास के वित्तपोषण के लिए राष्ट्रीय बैंक की स्थापना, राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा पाइपलाइन, राष्ट्रीय मौद्रिकरण पाइपलाइन, उदार एफडीआई, बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए गिफ्ट सिटी के विकास और नवाचार को प्रोत्साहित करने की बात भी की।