वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को कहा कि जन धन-आधार-मोबाइल (जैम) की तिगड़ी ने कोविड-19 महामारी के दौरान देश के अंतिम छोर में रह रहे नागरिकों तक पहुंचने में मदद की और यह व्यवस्था तस्वीर बदल देने वाली साबित हुई।
राष्ट्रीय बैंक परिषद द्वारा औरंगाबाद में आयोजित एक दिवसीय बैठक ‘मंथन’ को ‘ऑनलाइन’ संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के जैम संकल्प ने देश के दूर दराज क्षेत्रों में रह रहे व्यक्ति तक पहुंचने में मदद की।’’
उन्होंने कहा कि जन धन योजना शुरू होने के समय लोगों के मन में सवाल थे लेकिन अब हम लोगों की सीधे मदद कर सकते हैं ताकि वे अपना जीवन जी सकें। सीतारमण ने कहा, ‘‘आधार कार्ड को बैंक खातों से जोड़ने से केवाईसी- सत्यापित खातों में मदद मिली।
जैम का तीसरा महत्वपूर्ण अंश मोबाइल है, जहां पैसे जमा होने की जानकारी समेत सरकारी योजनाओं के लाभ (मनरेगा) या सब्सिडी दिये जाने की भी जानकारी दी जा रही है।’’ बैठक की अध्यक्षता करने वाले केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने कहा कि अब सरकार का ध्यान 18 वर्ष की आयु तक पहुंचने वालों के जन धन खाते खोलने पर होगा। उन्होंने कहा कि 111 आकांक्षी जिलों में भी खाता खोलने पर जोर होगा।
पंजाब नेशनल बैंक के मुख्य कार्यपालक अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक एस एस मल्लिकार्जुन राव ने कहा, ‘‘सरकार ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए समय पर और प्रभावी कदम उठाए हैं। इससे नौकरी खोने वालों, उद्यमियों, उद्योग और कृषि क्षेत्र को मदद मिली।’’