देश इस वक्त कोरोना महामारी से जूझ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना महामारी से निपटने के लिए पीएम-केयर फंड बनाया है। पीएम मोदी ने सहायता एवं आपात स्थिति राहत कोष के गठन की घोषणा की जहां लोग कोरोना वायरस के खिलाफ सरकार की लड़ाई में मदद एवं योगदान दे सकते हैं। जिसमें उन्होंने देशवासियों से इसमें दान करने की अपील की है। इसबीच, वित्त मंत्रालय के अधिकारियों, बैंकों और वित्त मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत आने वाले अन्य संस्थानों ने पीएम केयर फंड में कुल मिलाकर 430.63 करोड़ रुपये का योगदान किया है। इस कोष का गठन कोरोना वायरस महामारी से प्रभावितों की मदद करने के लिये किया गया है।
प्रधानमंत्री के आपात स्थिति नागरिक सहायता और राहत कोष (पीएम केयर्स फंड) का गठन कोविड- 19 महामारी से निपटने और लोगों को राहत पहुंचाने के लिये 28 मार्च को किया गया। यह कोष कोविड- 19 से उपजी किसी भी आपात और संकटपूर्ण स्थिति से निपटने के लिए है। कोष का उद्देश्य इस सथिति से प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाना है।
वित्त मंत्रालय के मुताबिक, इस कोष में सबसे अधिक 105 करोड़ रुपये भारतीय जीवन बीमा निगम ने दिए हैं। इसके बाद देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक का स्थान आता है जिसने 100 करोड़ रुपये का योगदान किया है। इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी लिमिटेड (आईआईएफसीएल) ने 25 करोड़ रुपये इस कोष में दिये हैं। जनरल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ने 22.81 करोड़ रुपये के योगदान के साथ चौथे स्थान पर रहा है। बैंकों और वित्तीय संस्थानों के प्रशासनिक विभाग ने सात लाख रुपये जुटाये हैं।
इसके अलावा केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) और केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीआईटी) ने 23 करोड़ रुपये का योगदान किया है। वहीं, राजस्व विभाग के अधिकारियों ने दो करोड़ रुपये जुटाये हैं। इसी प्रकार आर्थिक मामले विभाग (डीईए) ने 15 लाख रुपये और सिक्युरिटी प्रिंटिंग एण्ड मिटिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसपीएमसीआईएल) ने 5.19 करोड़ रुपये की राशि जुटाई है। वित्त मंत्रालय उसके विभागों और वित्तीय संस्थानों की ओर से दिये गये 430 करोड़ रुपये के इस योगदान में करीब आधारी राशि 228.84 करोड़ रुपये वेतन से दिये गये योगदान का है।