देश में कोरोना के खिलाफ जारी टीकाकरण अभियान के बीच टीके के कारण पहली मौत की पुष्टि हुई है। केंद्र सरकार द्वारा गठित पैनल की रिपोर्ट के अनुसार 68 साल के बुजुर्ग की वैक्सीन के कारण मौत हो गई है। वैक्सीन से कोई साइड इफेक्ट्स या मौत होने को वैज्ञानिक भाषा में एडवर्स इवेंट फॉलोइंग इम्यूनाइजेशन (AEFI) कहते हैं।
AEFI के लिए केंद्र सरकार की ओर से एक कमेटी गठित की गई थी। कमेटी ने वैक्सीन लगने के बाद हुई 31 मौतों का असेसमेंट करने के बाद कन्फर्म किया कि 68 साल के एक बुजुर्ग की मौत वैक्सीन लगने के बाद एनाफिलैक्सीस से हुई है। एनाफिलैक्सीस एक तरह का एलर्जिक रिएक्शन है।
एईएफआई अध्यक्ष डॉ एनके अरोड़ा ने कहा वैकेसीनेशन के बाद यह पहली मौत है जो हमने देखी है। जिसमें जांच के बाद मौत का कारण वैक्सीनेशन के बाद एनाफिलेक्सिस पाया गया है। पहली बार AEFI कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में माना कि 1 व्यक्ति की मौत वैक्सीन की वजह से हुई है हालांकि ये भी रिपोर्ट में साफ लिखा गया है कि वैक्सीन के फायदे कहीं ज्यादा हैं।
कमेटी ने 31 गंभीर मामलों की स्टडी की थी। इसमें 28 लोगों की मौत हुई। लेकिन कमेटी की रिपोर्ट में साफ-साफ कहा गया है कि इन 28 मौतों में से महज 1 मौत वैक्सीनेशन की वजह से हुई है। तीन लोगों को एनाफिलेक्सिस की शिकायत आई थी। इसके बाद दो लोग अस्पताल में भर्ती होने के बाद ठीक हो गए जबकि 1 की मौत हो गई।
AEFI कमिटी की रिपोर्ट में 31 गंभीर मामलों में 18 मामले कोइंसिडेंटल थे इनका वैक्सीन से कोई लिंक नहीं था। जबकि 7 मामले अनिश्चित (टीकाकरण के तुरंत बाद के हैं लेकिन कोई सबूत नहीं है कि यह टीके के कारण हैं) थे। 3 मामले वैक्सीन प्रॉडक्ट रिलेटिड थे जबकि दो मामले अवर्गीकृत (महत्वपूर्ण जानकारी अनुपलब्ध) वाले थे वहीं 1 मामला एनजाइटी रिलेटिड रिएक्शन था जिसे एनाफिलेक्सिस कहा जाता है और वैक्सीन लेने के आधे घंटे के अंदर शरीर में हुए सीवियर रिएक्शन के तौर पर माना जाता है।