पटना : उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के ट्वीट कर कहा कि मुंबई, नागपुर, दिल्ली से लेकर सात समंदर पार लंदन तक बाबा साहेब आम्बेडकर के जीवन से जुड़े पांच महत्वपूर्ण स्थल, जो कांग्रेस राज में 60 साल से उपेक्षित पड़े थे, उन्हें करोड़ों रुपये लगाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने दलित-वंचित समाज के पंचतीर्थ के रूप में विकसित किया। गरीबों-वंचितों को ध्यान में रख कर योजनाएं लागू की गईं।
मुद्रा योजना के अन्तर्गत जिन 12 करोड़ लोगों को ऋण मिले,उनमें 50 फीसद एसटी-एससी और ओबीसी के लोग हैं। जिन्होंने दलितों के लिए कुछ नहीं किया, वे अब उन्हें गुमराह करने के हथकंडे अपना रहे हैं। श्री मोदी ने कहा कि जिनके माता-पिता के 15 साल के राज में दलितों का सामूहिक नरसंहार हुआ और 2003 में आरक्षण दिये बिना निकाय चुनाव करा लिए गए, वे दलितों की हमदर्दी पाने के लिए लाठी लेकर तोड़-फोड़ कराने निकल गए थे।
आरक्षण पर झूठा प्रचार करने से पहले उन्हें अपनी माता जी से पूछना चाहिए कि 2004-05 के बजट में एससी-एसटी के कल्याण के लिए मात्र 40.48 करोड़ रुपये का प्रावधान क्यों था? एनडीए सरकार ने इस विभाग का बजट 1550 करोड़ कर दिया।
जो परिवार बेनामी सम्पत्तियां बनाने में लगा हो, उसे गरीबों की फिक्र क्या होगी? केंद्र और राज्य की एनडीए सरकारों ने दलितों के लिए बहुत कम समय में इतने सारे काम कर दिये हैं कि राहुल गांधी, मायावती और लालू प्रसाद को अपना चेहरा बचाने के लिए रोज नये झूठ का सहारा लेना पड़ रहा है। अगर वे आरक्षण खत्म करने का झूठा प्रचार नहीं करेंगे, तो उज्जवला योजना के तहत मुफ्त गैस कनेक्शन पाने वाली 3.5 करोड़ गरीब महिलाओं को प्रधानमंत्री का शुक्रगुजार होने से कैसे रोक पाएंगे?
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