महाराष्ट्र के कोयना बांध से रविवार को दो लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने तथा क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के कारण उत्तरी कर्नाटक के सैकड़ों गांव जलमग्न हो गए हैं और प्रशासन को राहत कार्य के लिए सेना बुलानी पड़ी है।
अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने क्षेत्र में स्थिति की समीक्षा की और सोमवार को वह प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बाढ़ के कारण किसी व्यक्ति की मौत की सूचना नहीं है। उन्होंने बताया कि प्रशासन सावधान था।
कृष्णा, मालाप्रभा और मार्कण्डेय नदी पूरे उफान पर है और इस वजह से कम से कम पांच जिले बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। इनमें बेलगावी, बगलकोट, रायचूर, विजयपुरम और यादगीर शामिल है ।
कर्नाटक राज्य प्राकृतिक आपदा निगरानी केंद्र के निदेशक जी एस श्रीनिवास रेड्डी ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘बेलगावी, बगलकोट और रायचूर बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित है। वियजपुरम और यादगीर का कुछ हिस्सा प्रभावित है।’’
रेड्डी ने बताया कि बेलगावी में सेना की सहायता ली जा रही है। इसके अलावा बाढ़ प्रभावित सभी पांच जिलों में राष्ट्रीय आपदा राहत बल, राज्य आपदा राहत बल और स्थानीय पुलिस बल कठिन परिश्रम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने रविवार को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए पर्याप्त आधारभूत जरूरतों के साथ एक राहत शिविर स्थापित करने का निर्देश दिया है।
महाराष्ट्र में पांच प्रमुख बांध लबालब भर गए हैं जिसके बाद पानी छोड़ा गया है।