देश की सर्वोच्च न्यायलय की ओर से एक बड़ा और अहम फैसला लिया गया हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पहली बार 7 दिनों के होली ब्रेक में अरजेंट मामलों की सुनवाई के लिए वेकेशन बेंच बनाने की तैयारी की है। मु्ख्य न्यायधीश एसए बोबड़े की बेंच ने कहा कि होली के एक सप्ताह के ब्रेक में एक वेकेशन बेंच बैठेगी, होली के दिन को छोड़कर पूरे सप्ताह ये बेंच काम करेगी।
इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है है कि होली के ब्रेक (9 मार्च से 15 मार्च) में वकेशन बेंच बैठेगी इससे पहले तक वेकेशन बेंच केवल गर्मियों की छुट्टियों में ही बैठती थी। बता दें की वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल द्वारा नागरिकता कानून की संवैधानिक वैद्यता को चुनौती देने वाली याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह बात कही।
वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने नागरिकता संशोधन कानून की संवैधनिक वैद्यता को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई के लिये अरजेंट लिस्ट की मांग की थी। एजी केके वेणुगोपाल ने भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की खंडपीठ को बताया कि केंद्र इस पर 2 दिनों के भीतर जवाब दाखिल करेगा। इसी के जवाब में मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने कपिल सिब्बल से कहा कि वह होली ब्रेक के बाद इस मामले का फिर से उल्लेख करें।
सुप्रीम कोर्ट का कहना है की पहले सबरीमाला मामले की दलीलों पर विचार किया जायेगा और इस मामले की दलीले पूरी होने के बाद ही सीएए सम्बन्धी याचिकाओं पर सुनवाई की जाएगी। गौरतलब है प्रधान न्यायाधीश एस.ए.बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल के सीएए मामलों पर तत्काल सुनवाई किए जाने का अनुरोध करने के बाद यह टिप्पणी की।
न्यायालय ने कहा कि अब तक केंद्र के द्वारा इस मामले में कोई जवाब दाखिल नहीं किया गया है। अटॉर्नी जनरल के.के.वेणुगोपाल ने पीठ को बताया कि केंद्र कुछ दिनों में जवाब दाखिल करेगा। पीठ में न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत भी शामिल थे। साथ ही फ़िलहाल नौ सदस्यीय पीठ सबरीमला मंदिर और मस्जिदों में महिलाओं के प्रवेश तथा दाऊदी बोहरा समुदाय में महिलाओं के खतने की प्रथा समेत विभिन्न धार्मिक मामलों पर विचार कर रही है।