रेलवे ने शुक्रवार को कहा कि बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे प्रवासी बहुल राज्यों से मुंबई, अहमदाबाद और बेंगलुरु जैसे शहरों के लिये अगले चार दिनों में ज्यादातर स्पेशल ट्रेनें यात्रियों से शत-प्रतिशत भरी हुई चलने वाली है। साथ ही, यह भी कहा कि यह अर्थव्यवस्था में नयी जान आने का संकेत है।
रेलवे के मुताबिक एक मई से परिचालित की गई 4,594 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में 81 प्रतिशत ट्रेनों का गंतव्य यही तीन राज्य थे। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वी के यादव ने शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंस के जरिये किये गये संवाददाता सम्मेलन में कहा कि शहरों को लौट रहे प्रवासी श्रमिक ऐसा नियमित ट्रेनों से कर रहे हैं, जो एक जून से चलाई जा रही हैं।
रेलवे एक जून से 100 जोड़ी मेल/एक्सप्रेस ट्रेनें और राजधानी मार्गों पर 15 जोड़ी वातानुकूलित ट्रेनों का परिचालन कर रहा है। यादव ने कहा, ‘‘यह जिक्र करना जरूरी है कि उलटी दिशा में जा रही कुछ ट्रेनों-उत्तर प्रदेश से मुंबई के लिये ट्रेनें, बिहार से मुंबई के लिये या उप्र से गुजरात के लिये या पश्चिम बंगाल से गुजरात के लिये-में दिन ब दिन यात्रियों की संख्या बढ़ती जा रही है।
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यह इस बात का संकेत है कि अर्थव्यवस्था गति पकड़ रही है। हम राज्य सरकारों से बात कर रहे हैं और आने वाले हफ्तों में हम जरूरत के मुताबिक नयी स्पेशल ट्रेनों की घोषणा करेंगे।’’ रेलवे द्वारा उपलब्ध कराये गये आंकड़ों के मुताबिक ज्यादातर ट्रेनें बिहार से मुंबई, दिल्ली और अहमदाबाद की ओर जा रही हैं और उनमें ज्यादातर सीटें भरी हुई हैं।
बिहार से जाने वाली ट्रेनों में मुजफ्फरपुर-बांद्र टर्मिनल स्पेशल में अगले चार दिनों के लिये 115 प्रतिशत सीटें आरक्षित हैं, दानापुर-सिकंदराबाद स्पेशल में 121 प्रतिशत और मुजफ्फरपुर-अहमदाबाद स्पेशल ट्रेन में 127 प्रतिशत सीटें आरक्षित कराई गई हैं। अब तक परिचालित की गई 37 प्रतशित श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का गंतव्य बिहार रहा है, दूसरे स्थान पर उप्र है जहां 38 प्रतिशत ये ट्रेनें गई। गोरखपुर से बांद्र टर्मिनल जाने वाली अवध स्पेशल ट्रेन में 121 प्रतिशित सीटें आरक्षित हुई हैं। गोरखपुर-अहमदाबाद स्पेशल में 121 प्रतिशत सीटें आरक्षित कराई गई हैं।