भारत में नए नागरिकता कानून पर हो रहे विवाद को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने स्पष्ट किया है कि यह कानून कुछ देशों में सताए हुए धार्मिक अल्पसंख्यकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए बनाया गया है। जयशंकर ने अमेरिका में दूसरी 2+2 मंत्री स्तरीय बातचीत में विदेश मंत्री माइक पोम्पियो के साथ बैठक में यह बात कही है।
पोम्पियो ने कहा कि ट्रंप प्रशासन धार्मिक रूप से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर है लेकिन वह इस मामले में भारत में जारी जोरदार बहस का भी सम्मान करता है।
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पोम्पियो ने इस मंत्री स्तरीय बातचीत की समाप्ति के बाद पत्रकारों से कहा‘‘ हम विश्व के किसी भी हिस्से में अल्पसंख्यकों के हितों की सुरक्षा को लेकर गंभीर है और उनके धार्मिक अधिकारों की रक्षा का समर्थन करेंगे। हम भारतीय लोकतंत्र का सम्मान करते हैं कि इस मसले पर उनके यहां जोरदार बहस जारी है।’’
गौरतलब है कि श्री पोम्पियो और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने बुधवार को डा़ जयशंकर और भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से काफी अहम बातचीत की। श्री पोम्पियो से मीडिया ब्रीफि्रंग में जब यह पूछा गया कि किसी भी लोकतंत्र में धर्म को नागरिकता का पैमाना तय करने को वह क्या उचित मानते हैं तो इस पर श्री जयशंकर ने कहा कि भारत का नया नागरिकता कानून अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बंगलादेश में धार्मिक तौर पर सताए गए अल्पसंख्यकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए बनाया गया है।