विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक बार फिर अपने पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान और चीन को लताड़ लगाई है। उन्होंने कहा कि भारत अब किसी के दबाव में नहीं आएगा और जवाबी कार्रवाई करेगा। विदेश मंत्री ने कहा कि अगर उधर से किसी भी तरह की कोई कार्रवाई हुई तो इसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में भारत ने ऐसा किया भी है। चेन्नई में एक कार्यक्रम के दौरान एस जयशंकर ने ये बातें कहीं।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से उत्पन्न होने वाले आतंकवाद और चीन के साथ सीमा पार आक्रामक झड़पों पर भारत की जवाबी प्रतिक्रिया ने यह साबित किया है कि देश अब किसी के दबाव में नहीं आएगा। उन्होंने कहा कि भारत अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव कदम उठाएगा। जयशंकर ने 2019 की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि पुलवामा आतंकवादी हमले के जवाब में वायु सेना द्वारा किए गए बालाकोट हवाई हमलों के जरिये बहुत जरूरी संदेश दिया गया था।
चीन यथास्थिति को बदलने का कर रहा प्रयास
चेन्नई में तमिल साप्ताहिक तुगलक’ की 53वीं वर्षगांठ को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री ने कहा, ‘चीन उत्तरी सीमाओं पर आज बड़े पैमाने पर बलों को लाकर हमारी सीमाओं का उल्लंघन करके यथास्थिति को बदलने का प्रयास कर रहा है। कोरोना के बावजूद हमारी जवाबी प्रतिक्रिया मजबूत और दृढ़ थी। हजारों की संख्या में तैनात हमारे सैनिकों ने दुर्गम इलाकों में हमारी सीमाओं की रक्षा की और वे आज भी पूरी तत्परता के साथ सीमाओं की सुरक्षा कर रहे हैं।’
राष्ट्रीय खुशहाली के कई पहलू
उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रीय खुशहाली के कई पहलू हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा निस्संदेह बुनियादी आधार है। इस संबंध में सभी देशों की परख की जाती है, लेकिन हमारे सामने उग्रवाद से लेकर सीमा पार आतंकवाद तक कई समस्याएं थीं। बालाकोट के हवाई हमलों ने बहुत जरूरी संदेश दिया है।’ जयशंकर ने कहा, ‘भारत एक ऐसा देश है, जो किसी के दबाव में नहीं आएगा और यह अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सब कुछ करेगा।
भारत होता दुनिया का सबसे बड़ा देश, न कि चीन
विदेश मंत्री ने कहा कि अगर 1947 में देश का विभाजन नहीं हुआ होता, तो भारत दुनिया का सबसे बड़ा देश होता, न कि चीन। उन्होंने कहा, ‘आपको आश्चर्य हो सकता है कि विदेश मंत्री इन सब के बारे में क्यों बात कर रहे हैं। मेरी विदेश यात्रा के दौरान, मैंने कई विकसित देशों को आपूर्ति किए गए हमारे (कोविड-19) टीकों और हमारे प्रौद्योगिकी-सक्षम शासन के बारे में प्रशंसा सुनी है