विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ईरान के अपने समकक्ष जवाद जरीफ के साथ ईरान और अमेरिका के बीच तनाव के बाद खाड़ी क्षेत्र में तेजी से बदल रहे हालात पर गुरुवार को चर्चा की। इराक में अमेरिकी ड्रोन हमले में ईरान के अल-कुद्स बल के प्रमुख जनरल कासिम सुलेमानी की मौत के बाद अमेरिका और ईरान के बीच तनाव बहुत अधिक बढ़ गया है।
जलपान पर मुलाकात के दौरान जरीफ ने जयशंकर को वर्तमान हालात में तेहरान के रुख और समग्र स्थिति के बारे में जानकारी दी। ऐसी जानकारी मिली है कि दोनों मंत्रियों के बीच भारत और ईरान के द्विपक्षीय संबंधों के कई पहलुओं और चाबहार बंदरगाह परियोजना में प्रगति पर बातचीत हुई।
ईरान के विदेश मंत्री मंगलवार को तीन दिवसीय यात्रा पर ऐसे समय में भारत आए हैं जब पूरी दुनिया की निगाहें ईरान और अमेरिका पर हैं। जरीफ ने कहा, ‘‘खाड़ी क्षेत्र में तनाव कम करने में भारत भूमिका निभा सकता है क्योंकि वह एक महत्वपूर्ण पक्ष है।’’
रायसीना डायलॉग को संबोधित करते हुए जरीफ ने अमेरिका के ट्रंप प्रशासन को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि कासिम सुलेमानी की हत्या की घटना अज्ञानता और अहंकार दिखाती है। उन्होंने कहा कि यह हमला ‘‘माफी के काबिल नहीं है।’’ भारत यह कहता रहा है कि वह चाहेगा कि यथाशीघ्र तनाव घटे।
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भारत के अनुसार, क्षेत्र में अपने महत्वपूर्ण हितों के मद्देनजर वह ईरान, संयुक्त अरब अमीरात, ओमान और कतर सहित प्रमुख देशों से संपर्क बनाए हुए है। सुलेमानी ईरान के अल-कुद्स बल के प्रमुख थे और तीन जनवरी को बगदाद अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के पास काफिले पर हुए अमेरिकी ड्रोन हमले में मारे गए थे।
पिछले सप्ताह ईरान ने इराक में दर्जनों मिसाइलें कम से कम उन दो ठिकानों को लक्ष्य कर दागीं जहां अमेरिकी सेना और गठबंधन बल हैं।