चीन के वुहान से शुरू हुए कोरोना वायरस का कहर दुनिया के लगभग 104 देशों में फैल चुका है। भारत में भी इस वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है और अब तक 73 लोगों के संक्रमण की पुष्टि की जा चुकी है। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना वायरस को महामारी घोषित कर दिया है। कोरोना को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को लोकसभा में कहा कि कोरोना वायरस का फैलना चिंता का विषय है।
विदेश मंत्री ने कहा कि हम जिम्मेदारीपूर्वक कोरोना पर काम कर रहे है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि सरकार दुनिया किसी भी भाग में रहने वाले अपने नागरिकों की सुरक्षा और कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। लोकसभा में कोरोना वायरस के मुद्दे पर स्वत: संज्ञान के आधार पर बयान देते हुए एस जयशंकर ने कहा कि इटली में फंसे भारतीयों की मदद के लिये चिकित्सा दल भेजा गया है। उन्होंने कहा जांच में नकारात्मक रिपोर्ट आने के बाद ही उन्हें यात्रा की अनुमति होगी । इसके अलावा विदेश मंत्री ने जानकारी दी कि इटली में नोडल आफिस स्थापित किया जा रहा है।
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विदेश मंत्री ने कहा कि ईरान में 6000 भारतीय फंसे हैं जिसमें महाराष्ट्र के 1100 श्रद्धालु और जम्मू कश्मीर के 300 छात्र शामिल हैं । उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जोर श्रद्धालुओं को वापस लाने का है जिसमें अधिकतर ईरान के कोम में फंसे हैं । उन्होंने कहा कि ईरान में फंसे भारतीय में से 529 के नमूने में से 229 जांच में नकारात्मक पाये गए हैं । उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस का फैलना चिंता का विषय है और हम जिम्मेदारीपूर्वक इस पर प्रतिक्रिया दे रहे है और सरकार दुनिया किसी भी भाग में रहने वाले अपने नागरिकों की सुरक्षा और कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।
जयशंकर ने कहा कि कोरोना वायरस के प्रकोप की मौजूदा स्थिति को देखते हुये किसी भी व्यक्ति की स्वदेश वापसी के लिए संक्रमण मुक्त होने के प्रमाणपत्र की अनिवार्यता का सख्ती से पालन किया जाना जरूरी है। विदेश मंत्री ने कहा कि वैश्विक कोरोना वायरस पर मंत्रिसमूह निगरानी रख रहा है और प्रधानमंत्री भी समय समय पर इसकी समीक्षा कर रहे हैं । उन्होंने कहा कि कोराना वायरस को फैलने रोकने के लिये और सख्त और जरूरी उपाय किए जा रहे हैं।