रायपुर : विश्व वानिकी दिवस के अवसर पर शहर में वन विभाग द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। शासकीय विज्ञान महाविद्यालय परिसर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित इस कार्यशाला का शुभारंभ मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के हाथों किया गया। कार्यशाला में राज्य के विभिन्न जिलों में कार्यरत वन प्रबंधन समितियों और वनोपज सहकारी समितियों के लगभग डेढ़ हजार प्रतिनिधि शामिल हुए।
इस दौरान मुख्यमंत्री रमन सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि यह कार्यशाला छत्तीसगढ़ के सभी लोगों के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में 44 वन बचे हैं इसका पूरा श्रेय वनवासियों को जाता है। अब-तक वनवासियों ने प्रकृति के महत्व को समझते हुए वनों को संरक्षित रखा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाली बेहतर स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। उन्होंने बताया कि मेरे घर में बेल का पेड़ है जिससे मुझे बाजार से बेल खरीदने की जरूरत नहीं पड़ती। उन्होंने बताया कि सीएम हाउस में मैं हर सुबह तोते की आवाज के साथ उठता हूं। सीएम हाउस प्रांगण में हर दूसरे दिन सांप दिखाई देता है, लेकिन उसे मारा नहीं जाता।
उन्होंने कहा कि यह सब प्रकृति के अहम हिस्से हैं। पेड़ पूरे विश्व के लिए जरुरी है इसके बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। कार्यक्रम में पर्यावरणविद् चंडी प्रशाद भट्ट ने सम्बोधित करते हुए वर्तमान सरकार के पर्यावरण की दिशा में किए गए कार्यों की तारीफ की। वहीं कार्यशाला में उत्कृष्ठ काम करने वाली सीमितियों को प्रशस्ति पत्र व चेक, स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। साथ ही वन विभाग द्वारा वन मंत्री का भी स्मृति चिन्ह देकर स्वागत-सम्मान किया गया।
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