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MSP व्यवस्था को प्रभावी बनाने के लिए समिति का गठन, केंद्र एवं राज्य सरकारों के अधिकारी भी होंगे शामिल

प्राकर्तिक खेती और फसल विविधीकरण समेत अन्य मुद्दों पर सुझाव देने के लिए सरकार ने 26 सदस्य एक वृहद समिति का गठन किया।

प्राकर्तिक खेती और फसल विविधीकरण समेत अन्य मुद्दों पर सुझाव देने के लिए सरकार ने 26 सदस्य एक वृहद समिति का गठन किया।कृषि मंत्रालय की तरफ से जारी अधिसूचना के मुताबिक, एमएसपी समिति का प्रमुख पूर्व कृषि सचिव संजय अग्रवाल को बनाया गया है। इस 26 सदस्यीय समिति में किसान संगठनों के प्रतिनिधियों, कृषि वैज्ञानिकों एवं कृषि अर्थशास्त्रियों के अलावा केंद्र एवं राज्य सरकारों के अधिकारी भी शामिल हैं।
समिति में कुछ किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के नामों की भी घोषणा की गई है लेकिन इसमें संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के प्रतिनिधियों के नाम शामिल नहीं हैं। एसकेएम की अगुआई में ही एक साल तक चले व्यापक किसान आंदोलन के बाद सरकार को विवादास्पद कृषि कानून वापस लेना पड़ा था।
 तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा 
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गत नवंबर में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा करते समय फसलों के एमएसपी की कानूनी गारंटी देने की किसानों की मांग पर गौर करने के लिए एक समिति बनाने का वादा किया था।उस घोषणा के आठ महीने बाद गठित एमएसपी समिति में एसकेएम के तीन प्रतिनिधियों को शामिल किए जाने की बात कही गई है लेकिन अभी इनके नाम नहीं जोड़े गए हैं। अधिसूचना के मुताबिक, एसकेएम के तीन सदस्यों के नाम बाद में जोड़े जाएंगे।
कृषि कानूनों का समर्थन किया 
इस पर अपनी प्रतिक्रिया में एसकेएम के नेता योगेंद्र यादव ने कहा, समिति में एसकेएम के तीन सदस्यों की जगह खाली रखी गई है। वहीं सरकार ने किसान नेताओं के नाम पर अपने पांच समर्थकों को इसमें जगह दे दी है जिन्होंने कृषि कानूनों का समर्थन किया था।उन्होंने कहा कि समिति में शामिल किए गए किसान प्रतिनिधि या तो सीधे तौर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संगठन (आरएसएस) से जुड़े हुए हैं या फिर वे उनकी नीतियों का समर्थन करते हैं।
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 एजेंडा में एमएसपी पर कानून बनाने का कोई जिक्र नहीं 
यादव ने कहा, समिति के गठन संबंधी एजेंडा में एमएसपी पर कानून बनाने का कोई जिक्र नहीं किया गया है।इस समिति में राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता किसान भारत भूषण त्यागी के अलावा किसान संगठनों के प्रतिनिधि के तौर पर गुणवंत पाटिल, कृष्णवीर चौधरी, प्रमोद कुमार चौधरी, गुणी प्रकाश और सैयद पाशा पटेल को जगह दी गई है।इसके अलावा समिति में नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद, कृषि अर्थशास्त्री सीएससी शेखर, सुखपाल सिंह और नवीन पी सिंह को भी शामिल किया गया है।
फसलों का एमएसपी तय करने वाली सीएसीपी को अधिक स्वायत्तता
कृषि मंत्रालय की तरफ से जारी अधिसूचना के मुताबिक, एमएसपी समिति एमएसपी को अधिक असरदार एवं पारदर्शी बनाने के तरीके सुझाने के लिए काम करेगी। यह फसलों का एमएसपी तय करने वाली सीएसीपी को अधिक स्वायत्तता देने से जुड़े पहलू पर भी गौर करेगी।इसके अलावा समिति देश की बदलती जरूरतों के अनुरूप कृषि विपणन प्रणाली को सशक्त करने के तरीके भी सुझाएगी। यह समिति प्राकृतिक कृषि, फसल विविधता और सूक्ष्म सिंचाई व्यवस्था के प्रोत्साहन के लिए भी काम करेगी।

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