देश भर में कोरोना वायरस का प्रकोप जारी। इस महामारी को रोकने के लिए सरकार और आम लोग मिलकर काम कर रहे है। प्रधानमंत्री के आह्वान के बाद इस जंग में साथ देने के लिए कई लोग सामने आ रहे हैं। ऐसे में आम लोग हो या खास सभी अपने-अपने व्यक्तिगत हैसियत के हिसाब से ‘पीएम केयर्स’ में दान कर रहे हैं। वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो संकट की इस घड़ी में अपना सबकुछ देश पर न्योछावर कर देते हैं।
ऐसे ही हैं सुरेंद्र मोहन, जिन्होंने अपने भविष्य को नजरअंदाज करते हुए जीवनभर की कमाई पीएम केयर्स फंड में दान कर दी। इस नेक काम में उनकी बहन अदिति ने भी साथ दिया। दोनों सीनियर सिटीजन हैं। गौरतलब है कि सुरेंद्र मोहन रक्षा विभाग से डायरेक्टर पद से 2019 में सेवानिवृत्त हुए हैं।
उन्होंने रिटायरमेंट से मिले हर फायदे को प्रधानमंत्री केयर्स फंड में दान कर दिया है। इसके साथ ही उनकी बहन अदिति ने भी अपने जीवनभर की कमाई, जो उन्होंने फिक्स डिपॉजिट में रखे थे, उसे भी प्रधानमंत्री केयर फंड में दान दे दिया। सुरेंद्र मोहन ने कहा, जब देश पर विपदा आई हो तो मेरा दान कुछ भी नहीं है।
बिहार में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 85 हुई, अब तक 2 लोगों की मौत
आशा है कि इससे जरूरतमंदों की मदद हो पाएगी। दोनों भाई और बहन ने करीब 1 करोड़ रुपये प्रधानमंत्री केयर में दान दिया है। यह पूछने पर कि इस उम्र में बीमारियां वगैरह के लिए पैसों की जरूरत होती है, सुरेंद्र मोहन ने कहा, हम न कुछ लेकर आए थे, ना कुछ लेकर जाएंगे, जो सरकार ने हमें दिया, जो देश ने हमें दिया, हमने उन्हें ही लौटा दिया, ताकि इस कठिन घड़ी में कुछ लोगों के दवाई और खाने के काम यह पैसा आ सके।
वर्तमान में दोनों मुनिरका के डीडीए फ्लैट्स में रहते हैं, लेकिन वह घर भी उन्हें उनके पिता ने खरीद कर दी थी। दोनों भाई बहन वृंदावन में विधवा महिलाओं के लिए चलाए जा रहे एक केंद्र की भी लगातार मदद करते थे, लेकिन जब से योगी सरकार ने उस केंद्र का सारा खर्च उठाने का फैसला लिया है, उसके बाद से ही सुरेंद्र मोहन और उनकी बहन इस इंतजार कर रहे थे कि वो कैसे और लोगो को मदद कर पाएं।
देश में पैर पसार रहे महामारी के मद्देनजर प्रधानमंत्री की अपील को देखकर दोनों भाई बहनों ने यह फैसला किया कि यही सही वक्त है जब देश की वह मदद कर सकते हैं। उनकी बहन अदिति भी कहती हैं कि पैसा किस काम का, अगर यह देश के काम ही न आ पाए। दोनों भाई बहनों की जीवन में और कोई इच्छा नहीं है। वहीं सुरेंद्र मोहन की एक ख्वाहिश है कि वे जीवन में एक बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से भेंट करना चाहते हैं।