मानव संसाधन और सूचना प्रसारण मंत्रालय में सचिव का पद संभाल चुके आईएएस अधिकारी अमित खरे को मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया है। 1985 बैच के आईएएस अधिकारी अमित खरे 30 सितंबर को ही उच्च शिक्षा सचिव के पद से रिटायर हुए थे। एक सरकारी आदेश में उनकी नियुक्ति की जानकारी दी गई है। सरकार की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने अमित खरे को पीएम मोदी का सलाहकार बनाए जाने को मंजूरी दी है। वह पीएमओ मं सलाहकार के तौर पर काम करेंगे। उनका रैंक और स्केल भारत सरकार के किसी अन्य सचिव के बराबर होगा। उनकी यह नौकरी कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर होगी। इसके अलावा पुनर्नियुक्ति को लेकर सरकार के सभी नियम उन पर लागू होंगे।
एजुकेशन पॉलिसी तैयार करने में रहा है अहम रोल
फिलहाल उन्हें दो साल या फिर अगले किसी आदेश तक के लिए नियुक्ति दी गई है। शायद इसे बाद में बढ़ाया भी जा सकता है। अमित खरे को पीएम नरेंद्र मोदी के करीबी नौकरशाहों में शुमार किया जाता रहा है। देश में इसी साल लागू की गई नई एजुकेशन पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार करने में भी उनका अहम योगदान माना जाता रहा है। इसके अलावा डिजिटल मीडिया को लेकर नियम तय करने में भी उनकी अहम भूमिका रही है। हाल ही में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने डिजिटल मीडिया को लेकर नियमावली जारी की थी।
किस लिए जाने जाते है अमित खरे?
इसी साल पूर्व कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा और सचिव रहे अमरजीत सिन्हा ने पीएमओ छोड़ा था। इसके बाद अब अमित खरे की पीएमओ में एंट्री हुई है। पीके सिन्हा और अमरजीत सिन्हा भी पीएम नरेंद्र मोदी के सलाहकार के तौर पर काम कर रहे थे। अमित खरे को स्पष्टवादी फैसले लेने और पारदर्शिता के साथ काम करने के लिए जाना जाता रहा है। वह उन कुछ सचिवों में से एक हैं, जिन्होंने एक साथ मानव संसाधन विकास मंत्रालय और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के कामकाज को संभाला है। इससे समझा जा सकता है कि पीएम नरेंद्र मोदी उन पर किस हद तक भरोसा करते हैं।