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राजनांदगांव के पूर्व सांसद देवव्रत सिंह ने कांग्रेस से दिया इस्तीफा

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छथीसगढ़ के राजनांदगांव क्षेत्र के पूर्व सांसद और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता देवव्रत सिंह ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। खैरागढ़ राजघराने के मुखिया सिंह ने आज खैरागढ़ स्थित अपने कमल विलास पैलेस में पत्रकारों को बताया कि उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। अपना इस्तीफा उन्होंने कांग्रेस हाईकमान को भेज दिया है। देवव्रत सिंह ने बताया कि उनके पूरे परिवार ने आजादी के बाद से कांग्रेस पार्टी की सेवा की है। लेकिन पिछले कुछ वषो’ से पार्टी में उनकी उपेक्षा की जा रही है, जिससे वह दुखी हैं। सिंह ने बताया कि उन्होंने पहले ही राष्ट्रीय नेतृत्व से शिकायत की है कि प्रदेश अध्यक्ष की कार्यशैली से राज्य में कांग्रेस कमजोर हो रही है। खैरागढ़ क्षेत्र से दो बार विधायक रहे सिंह ने कहा कि वे 22 साल से कांग्रेस के लिए समर्पित सिपाही के रूप में कार्य करते रहे लेकिन पिछले कुछ वर्षो से पार्टी की रीति-नीति अलग हो गई है। उन्होंने कहा कि पार्टी में उन्हें हाशिए पर डाल दिया गया है तथा उनके साथ ऐसा व्यवहार किया जा रहा है जैसे पार्टी को उनकी जरूरत नहीं है।

सिंह ने कहा कि काफी आत्ममंथन के बाद उनके लिए दो विकल्प बचे थे कि वह राजनीति से सन्यास ले लें या अपने स्तर पर राजनीति करें। उन्होंने कहा कि साथियों के सुझाव के बाद वह राजनीति में सक्रिय रहेंगे। देवव्रत सिंह ने कहा कि उन्होंने अभी कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दिया है तथा किसी भी अन्य पार्टी में जाने के बारे में विचार नहीं किया है। उन्होंने कहा कि वह अपने परिवार के साथ छुट्टियां मनाने मुंबई जा रहे हैं तथा साथियों से चर्चा के बाद आगे की रणनीति बनाई जाएगी। छथीसगढ़ के प्रसिद्ध खैरागढ़ राजघराने के मुखिया देवव्रत सिंह खैरागढ़ सीट से कांग्रेस से दो बार विधायक रहे हैं तथा राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र से सांसद भी रहे हैं। इधर विधानसभा में विपक्ष के नेता टीएस सिंहदेव ने भाषा से बातचीत के दौरान कहा कि देवव्रत सिंह को अपने फैसले पर एक बार फिर से विचार करना चाहिए। सिंहदेव ने कहा कि वह स्वयं देवव्रत सिंह से बात करने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि समस्या का समाधान बातचीत से निकाला जा सकता है।

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