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रक्षा उत्पादन में घरेलू उद्योगों को पांच वर्षों में चार लाख करोड़ रूपये के दिए जायेंगे आर्डर: राजनाथ

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को ‘आत्मनिर्भर भारत सप्ताह’ समारोह में वीडियो कांफ्रेन्स के जरिये हिस्सा लिय।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को ‘आत्मनिर्भर भारत सप्ताह’ समारोह में वीडियो कांफ्रेन्स के जरिये हिस्सा लिय।  इस दौरान उन्होंने कहा कि देश रक्षा जरूरतों के लिए विदेशों पर निर्भर नहीं रह सकता इसलिए रक्षा उत्पादन में स्वदेशीकरण को बढावा देने के लिए अगले पांच से सात वर्षों में घरेलू उद्योगों को करीब चार करोड़ रूपये के आर्डर दिये जायेंगे
सिंह ने कहा कि किसी भी राष्ट्र के विकास के लिए सुरक्षा पहली प्राथमिकता होती है। सब जानते हैं जो राष्ट्र स्वयं अपनी सुरक्षा कर सकने में समर्थ हैं, वही वैश्विक स्तर पर अपनी मजबूत छवि बना पाये हैं। ऐसे में भारत भी अपनी रक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए विदेशी सरकारों, विदेशी आपूर्तिकर्ताओं और विदेशी रक्षा उत्पादों पर निर्भर नहीं रह सकता। यह एक मजबूत और‘आत्मनिर्भर भारत’के उद्देश्यों और भावनाओं के अनुकूल नहीं है। 
उन्होंने कहा कि रक्षा उत्पादन में स्वदेशीकरण को बढ़वा देने के लिए सरकार ने 101 आइटम की एक नकारात्मक सूची जारी की है। इन चीजों का आयात नहीं किया जायेगा। रक्षा मंत्रालय का अनुमान है कि अगले पाँच से सात वर्षों में घरेलू उद्योगों को लगभग चार लाख करोड़ के आर्डर दिए जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘ यह कदम एक तरफ नियंत्रित मूल्य प्रणाली की सीमाओं को दूर करेगा, वहीं दूसरी ओर इससे निगमित प्रबंधन और दक्ष प्रणाली का लाभ मिलेगा।’’ रक्षा मंत्री ने कहा कि यह घरेलू रक्षा उद्योग और राज्यों की इकाईयों के लिए, एक अभूतपूर्व अवसर है, जो स्वदेशी रक्षा विकास और विनिर्माण में अपनी हिस्सेदारी बढ़ना चाहती है। 
सिंह ने कहा कि यह आयुध निर्माणियों के लिए एक चुनौती और खुद को नये अवतार में स्थापित करने का अवसर है और उम्मीद है आप इसमें खरा उतरेंगे। उन्होंने कहा कि यह एक प्रगतिशील कदम है और अगर सार्वजनिक रक्षा उद्योग को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिता करनी है तो हम उन प्रथाओं बंध कर नहीं रह सकते जिनकी आज कोई उपयोगिता नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘ हमें न केवल अपने राष्ट्रीय हितों की पूर्ति सुनिश्चित करने में सक्षम होना चाहिए, बल्कि जरूरत के समय में अन्य लोगों की भी मदद करने में सक्षम होना चाहिए’’। 
रक्षा मंत्री ने कहा कि सभी पिछले 6 दिनों से ‘आत्मनिर्भरता’ की ओर लगातार कदम बढ़ते हुए आधुनिकीकरण और ढांचागत सुविधाओं के निर्माण का महत्त्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं। यह सराहनीय है कि आयुध निर्माणियों, बीईएमएल, बीईएल, एचएएल, बीडीएल, एमडीएल आदि उपक्रमों ने आधुनिक स्वदेशी उत्पाद विकसित किए हैं। ये उत्पाद रक्षा क्षेत्र के साथ साथ आवश्यकता पड़ने पर नागरिक समाज को भी अपनी सेवाएं दे सकेंगे। उन्होंने कहा,‘‘ मुझे विश्वास है कि रक्षा उपक्रम और आयुध निर्माणियाँ ‘आत्म निर्भर अभियान’ के प्रमुख ड्राइवर होंगे और वे राष्ट्रीय सुरक्षा तथा आत्म निर्भरता में महत्वपूर्ण योगदान देंगे। ’’

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