विधायकों के शपथ ग्रहण को लेकर राजभवन के साथ जारी खींचतान के बीच, मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस के चार नवनिर्वाचित विधायकों को पश्चिम बंगाल विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने शपथ दिलाई।
सदन में मौजूद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा के कामकाज में ''बाधा डालने'' के लिए राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस की निंदा की और हैरानी जताते हुए कहा कि केंद्र द्वारा नियुक्त कोई व्यक्ति निर्वाचित प्रतिनिधियों के भाग्य का फैसला कैसे कर सकता है।
चार नवनिर्वाचित विधायकों के शपथ ग्रहण के संबंध में राज्यपाल बोस को एक पत्र भेजा गया, जिसके बाद राजभवन ने शपथ ग्रहण समारोह के दौरान कथित तौर पर उल्लंघन किए गए अपने पिछले निर्देश पर स्पष्टीकरण मांगा है। ऐसे में राज्य विधानसभा और राजभवन के बीच एक नया गतिरोध पैदा होता दिख रहा है।
विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार करते हुए कहा कि यह ''असंवैधानिक'' है और राज्यपाल की अनुमति के बिना आयोजित किया गया।
विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने कहा, ''सभी चार विधायकों को सभी नियमों और मानदंडों का पालन करते हुए शपथ दिलाई गई।''
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ''नियमों का पालन न करने और मानदंडों के विरुद्ध कार्य करने'' के लिए राज्यपाल पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा, ''राज्यपाल चार विधायकों को शपथ दिलाने के लिए विधानसभा क्यों नहीं आए? इसके बजाय वह मामले में देरी कर रहे थे। राज्यपाल को कानून के अनुसार काम करना चाहिए।''
तृणमूल कांग्रेस विधायकों – कृष्ण कल्याणी, मधुपर्णा ठाकुर, मुकुट मणि अधिकारी और सुप्ती पांडे ने विधायक के रूप में शपथ ग्रहण की।
कल्याणी, ठाकुर, अधिकारी और पांडे ने 10 जुलाई को हुए उपचुनाव में क्रमश: रायगंज, बागदा, राणाघाट दक्षिण और मानिकतला विधानसभा सीट से जीत हासिल की।