फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों अपनी चार दिवसीय यात्रा पर आज भारत दौरे पर आएंगे। भारत दौरे के दौरान इमैनुअल प्रधानमंत्री से नरेंद्र मोदी से आर्थिक, राजनीतिक और रणनीतिक मामलों पर द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। हिंद महासागर में चीन की बढ़ती मौजूदगी से चिंतित भारत फिलहाल इस क्षेत्र में अपनी सुरक्षा को लेकर रणनीतिक कदम उठा रहा है।
हिंद महासागर से फ्रांस के भी हित जुड़े हुए हैं। ऐसे में राष्ट्रपति इस मुद्दे पर एक अहम समझौते के लिए पहली बार भारत की यात्रा पर शुक्रवार देर शाम नई दिल्ली पहुंचेंगे। भारत और फ्रांस के बीच रणनीतिक साझेदारी 20 वर्षो से है। लेकिन, हिंद महासागर को लेकर होने वाले समझौता बिल्कुल नए किस्म का होगा। यह समझौता दोनों देशों की नौसेना के लिए एक-दूसरे के सैन्य अड्डे के इस्तेमाल का रास्ता खोल सकता है।
राष्ट्रपति मैक्रों अपनी पत्नी ब्रिगिट के साथ पहली भारत यात्रा पर शुक्रवार देर शाम नई दिल्ली पहुंचेंगे। उनके भव्य स्वागत की तैयारी है। पीएम मोदी स्वयं राष्ट्रपति मैक्रों के साथ ज्यादा से ज्यादा वक्त गुजारेंगे। मैक्रों मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी भी जाएंगे, जहां वह मिर्जापुर में उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े सोलर पार्क की आधारशिला रखेंगे।
जिस रास्ते से पीएम एवं राष्ट्रपति गुजरेंगे उस रास्ते पर करीब 8 ,000 स्कूली छात्र-छात्राएं फ्रांस एवं भारत के झंडे लहराएंगे। इसके लिए 150 स्कूलों को जिला प्रशासन ने पत्र भेजकर बच्चों को तैयार रहने को कहा है। इसके अलावा सामाजिक संस्थाएं एवं बीजेपी की ओर से भी तैयारी चल रही है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में हाल ही में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच गठबंधन बनाने की कोशिश शुरू हुई है।
इसको लेकर चीन की तरफ से बेहद तीखी प्रतिक्रिया जताई गई है। भारत और अमेरिका अंदरखाने में यह कोशिश कर रहे हैं कि इस गठबंधन में कुछ योरपीय देशों को भी शामिल किया जाए। इससे गठबंधन को ज्यादा अंतरराष्ट्रीय स्वीकार्यता मिलेगी। मोदी फ्रांस के राष्ट्रपति के साथ यह मुद्दा भी उठाएंगे। फ्रांस के उच्चस्तरीय सूत्रों के मुताबिक, ‘हम चार देशों के गठबंधन को लेकर खुले मन से सोच रहे हैं।
लेकिन, फिलहाल हिंद महासागर में भारत के साथ रणनीतिक सहयोग पर ज्यादा ध्यान देना चाहते हैं। इसका मतलब यह नही है कि हम दूसरे विकल्पों के लिए रास्ता बंद कर रहे हैं। ‘फ्रांस ने भारत को 1998 में तब रणनीतिक साझेदार बनाया था, जब परमाणु परीक्षण की वजह से अधिकतर देशों ने भारत पर प्रतिबंध लगाया था। सूत्रों के मुताबिक फ्रांस और भारत के बीच नए रणनीतिक रिश्तों का आयाम ज्यादा व्यापक व वैश्विक होगा।
फ्रांस भारत को एक अहम वैश्विक शक्ति के तौर पर देखता है। उसी हिसाब से समझौता भी किया जाएगा।मोदी और मैक्रों के बीच बातचीत में रक्षा उपकरणों व युद्धक जहाजों की खरीद का मुद्दा भी अहम रहेगा। मैक्रों के साथ फ्रांस की 50 बड़ी कंपनियों के सीईओ भी आ रहे हैं। इसमें हथियार बनाने वाली कुछ कंपनियों के सीईओ भी शामिल हैं। फ्रांसीसी कंपनी के सहयोग से लगने वाले आणविक ऊर्जा प्लांट को लेकर भी एक समझौता दोनों देशों के बीच होगा।
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