भारत अगले साल यानि की 2023 में जी20 की अध्यक्षता करेगा। पिछले महीने इंडोनेशिया के बाली में हुए इस शिखर सम्मेलन में नरेंद्र मोदी को यह जिम्मेदारी सौंपी थी। इसी को लेकर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रो ने आज के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक फोटो साझा किया और विश्वास भी जताया और कहा कि भारतीए पीएम दोनों देशों की शांति और स्थायी दुनिया बनाने केलिए साथ लाएंगे।
मैक्रो ने मोदी को लेकर कही यह बड़ी बात
मैक्रों ने एक ट्वीट में लिखा, एक पृथ्वी। एक परिवार। एक भविष्य। भारत ने हैशटैग-जी20इंडिया की अध्यक्षता संभाली है। मैं अपने मित्र एट-नरेंद्रमोदी पर भरोसा करता हूं कि वे हमें शांति और अधिक टिकाऊ दुनिया बनाने के लिए साथ लाएंगे।
भारत ने गुरुवार को औपचारिक रूप से जी20 की अध्यक्षता ग्रहण की। इससे पहले फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनैन ने कहा था कि भारत को चालक की सीट पर देखकर फ्रांस खुश है और उन्होंने जी20 में भारत की अध्यक्षता के लिए पूर्ण समर्थन की पेशकश की है।
हम साथ मिलकर करेंगे काम- मैक्रो
मिली जानकारी के मुताबिक पता चला है कि उन्होंने 1 दिसंबर को एक ट्वीट में कहा, आज, भारत ने एक साल के लिए जी20 की अध्यक्षता और दिसंबर के लिए यूएनएससी की अध्यक्षता संभाली है। जैसा कि हम अभूतपूर्व चुनौतियों का सामना करने के लिए दुनिया को एकजुट रखने का प्रयास करते हैं, हम भारत को ड्राइवर की सीट पर देखकर खुश हैं। भारत फ्रांस के पूर्ण समर्थन पर भरोसा कर सकता है।
One Earth.One Family.One Future.India has taken over the presidency of #G20India! I trust my friend @NarendraModi to bring us together in order to build peace and a more sustainable world. pic.twitter.com/MScsCHM7kw— Emmanuel Macron (@EmmanuelMacron) December 3, 2022
इससे पहले, संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि वह भारत के जी20 राष्ट्रपति पद के दौरान ‘अपने मित्र’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन करने के लिए उत्सुक थे। बाइडेन ने कहा कि जलवायु, ऊर्जा और खाद्य संकट जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए अमेरिका और भारत हाथ मिलाएंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा था, भारत संयुक्त राज्य अमेरिका का एक मजबूत भागीदार है, और मैं भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान अपने मित्र प्रधानमंत्री मोदी का समर्थन करने के लिए तत्पर हूं। साथ मिलकर हम जलवायु, ऊर्जा और खाद्य संकट जैसी साझा चुनौतियों से निपटते हुए सतत और समावेशी विकास को आगे बढ़ाएंगे।