चीन के वुहान से शुरू हुए कोरोना वायरस (कोविड-19) ने दुनिया के 180 से अधिक देशों में अपना पांव फैला चुका है। इस वायरस का कहर भारत में भी लगातार देखने को मिल रहा है और अब तक 197 लोगों के संक्रमण की पुष्टि की गयी है। इस बीच केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने शुक्रवार को लोगों से अपील की। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी की चपेट में आए देशों से लौट रहे लोगों की जांच करने और उन्हें पृथक रखने के सरकार के फैसले का विरोध नहीं करें।
किशन रेड्डी ने कहा कि यह विरोध करना इस विषाणु को फैलने से रोकने की दिशा में उचित नजरिया नहीं है। उन्होंने कहा कि ‘‘कोरोना वायरस प्रभावित देशों से लौट रहे भारतीयों की यहां जांच की जा रही है और उन्हें पृथक किया जा रहा है। हालांकि उनमें से कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं। मेरे पास अभिभावकों के फोन कॉल आ रहे हैं जो उनके बच्चों को छोड़े जाने का अनुरोध करते हुए कहते हैं कि वे घर पर उनका ख्याल रखेंगे। यह सही नजरिया नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम देश में इस बीमारी का संक्रमण बढ़ने से रोकने के लिए ऐसा कर रहे हैं। मैं सभी अभिभावकों से हमारे इस प्रयास में साथ देने की अपील करता हूं।’’ रेड्डी ने बताया कि देशभर में करीब 69,000 लोगों को घरों में पृथक रखा गया है और सरकार इस प्रकार के कदम उठा रही है क्योंकि भारत घनी आबादी वाला देश है। उन्होंने लोगों से रविवार को सुबह सात से रात नौ बजे तक ‘जनता कर्फ्यू’ का पालन कर यह दिखाने का भी अनुरोध किया कि वे आगामी दिनों में हर संभावित परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।
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रेड्डी ने कहा कि दुर्भाग्य से इस बीमारी के उपचार के लिए अभी कोई दवाई नहीं है और इससे निपटने का एकमात्र तरीका इसे फैलने से रोकना है। उन्होंने लोगों से एहतियात बरतने और दूरी बनाए रखने की अपील की। रेड्डी ने कहा कि राज्य सरकारों से इस बीमारी से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग के बजट का इस्तेमाल करने और राज्य आपदा प्रतिक्रिया फंड का उपयोग करने को कहा गया है।