दिल्ली की एक अदालत ने अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले में आरोपी गौतम खैतान को काले धन एवं धनशोधन से संबंधित एक अन्य मामले में मंगलवार को जमानत दे दी।
विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार ने खैतान को 25 लाख रुपये के निजी मुचलके एवं इतनी ही जमानत राशि पर यह राहत दी है। अदालत ने खैतान पर विभिन्न शर्तें लगाई हैं जिनमें सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करने, गवाहों से संपर्क या उन्हें प्रभावित करने की कोशिश नहीं करने और बुलाए जाने पर जांच में सहयोग करना शामिल हैं।
अदालत ने खैतान की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा और पी के दुबे की ओर से दाखिल अभिवेदन का संज्ञान लिया जिसमें कहा गया है कि खैतान को जब भी बुलाया गया वह जांच शामिल हुए और सवालों के जवाब दिए।
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दुबे ने अदालत से कहा कि वह अपनी गिरफ्तारी से पहले से ही जांच में शामिल हो गए थे और 13 दिन की पुलिस हिरासत के दौरान भी उन्होंने जांच में सहयोग दिया। अगर इस चरण में जांच के लिए आरोपी की जरूरत होती है तो उन्हें बुलाया जा सकता है।
अदालत ने इस बात का भी संज्ञान लिया कि मामला दस्तावेजी साक्ष्यों पर आधारित है और ऐसी कोई संभावना नहीं है कि आरोपी साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ कर सकता है। अदालत ने यह भी देखा कि आरोपी 54 साल का व्यक्ति है और उनकी समाज में गहरी जड़ें हैं।
प्रवर्तन निदेशालय के विशेष जन अभियोजक एन के मत्ता और वकील संवेदना वर्मा ने यह कहते हुए जमानत अर्जी का विरोध किया कि जांच अब भी चल रही है और एक अहम चरण में है। एजेंसी ने यह भी अंदेशा व्यक्त किया कि अगर आरोपी को जमानत दी गई तो वह न्याय के दायरे से भाग सकता है।
प्रवर्तन निदेशालय ने खैतान के खिलाफ धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत नया आपराधिक का मामला दर्ज किया था। यह मामला आयकर विभाग द्वारा उनके खिलाफ दर्ज मामले के आधार पर दर्ज किया गया। विभाग ने कालाधन (अघोषित विदेशी आय और परिसंपत्तियां) एवं कर अधिरोपण कानून, 2015 के प्रावधानों के तहत यह मामला दर्ज किया था।