प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि वर्षों से हमारा शिक्षा क्षेत्र कठोरता का शिकार रहा और इसे बदलने का प्रयास करते हुए सरकार ने शिक्षा और कौशल को युवाओं की आकांक्षाओं और आने वाले समय की मांग के हिसाब से नयी दिशा दी है।
बजट के बाद ‘युवा शक्ति का दोहन-कौशल और शिक्षा’ पर हुए वेबिनार को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ बजट में जो निर्णय लिए गए हैं, उनसे हमारी सरकार का सम्पूर्ण नजरिया भी स्पष्ट होता है। हमारे लिए शिक्षा और कौशल सिर्फ इनसे जुड़े मंत्रालय या विभाग तक सीमित नहीं है। हर क्षेत्र में इनके लिए संभावनाएं हैं। ये क्षेत्र हमारी अर्थव्यवस्था के बढ़ते आकार के साथ बढ़ रहे हैं।’’
आने वाले समय की मांग के हिसाब से नयी दिशा दी
उन्होंने कौशल और शिक्षा से जुड़े पक्षकारों से आग्रह किया कि अलग-अलग क्षेत्रों में आ रहे इन अवसरों का अध्ययन करें,क्योंकि इससे इन नए क्षेत्रों के लिए जरूरी कार्यबल तैयार करने में आसानी होगी। मोदी ने कहा कि वर्षों से हमारा शिक्षा क्षेत्र कठोरता का शिकार रहा, हमने इसको बदलने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि हमने शिक्षा और कौशल को युवाओं की आकांक्षाओं और आने वाले समय की मांग के हिसाब से नयी दिशा दी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी सीखने और कौशल, दोनों पर समान जोर दिया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे खुशी है कि इस प्रयास में हमें शिक्षकों का बहुत सहयोग मिला। इससे हमें अपने बच्चों को अतीत के बोझ से मुक्त करने का बहुत हौसला मिला है। इसने सरकार को शिक्षा और कौशल क्षेत्र में और सुधार करने के लिए प्रोत्साहित किया है।’’
किसी भी स्थान पर ज्ञान प्राप्त करना सुनिश्चित हो सके
प्रधानमंत्री ने कहा कि अमृतकाल में कौशल और शिक्षा देश के दो सबसे महत्वपूर्ण उपकरण हैं और हमारे युवा ही विकसित भारत की दृष्टि को लेकर देश की अमृतयात्रा का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अमृतकाल के प्रथम बजट में युवाओं और उनके भविष्य को सबसे ज्यादा अहमियत दी गई है। हमारी शिक्षा प्रणाली व्यवहारिक हो, उद्योग उन्मुखी हो, ये बजट इसकी नींव मजबूत कर रहा है। मोदी ने कहा कि नई प्रौद्योगिकी, नई तरह की कक्षाओं के निर्माण में भी मदद कर रही है, कोविड के दौरान हमने इसका अनुभव भी किया है, ऐसे में आज सरकार ऐसे उपकरणों पर ध्यान दे रही है जिससे किसी भी स्थान पर ज्ञान प्राप्त करना सुनिश्चित हो सके।
उचित कौशल से जुड़े कार्यबल की पहचान करने में आसानी होगी
उन्होंने कहा, ‘‘ आज देश में ऐसे अनेक डिजिटल और प्रौद्योगिकी आधारित पहल की जा रही है। सभी तरह की पहल को राष्ट्रीय डिजिटल यूनिवर्सिटी से और बल मिलेगा। ऐसे भविष्योन्मुखी कदम हमारी शिक्षा, हमारे कौशल और हमारे ज्ञान-विज्ञान के पूरे दायरे को बदलने वाले हैं।’’
मोदी ने कहा कि अब हमारे शिक्षकों की भूमिका सिर्फ कक्षा तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि अब हमारे शिक्षकों के लिए पूरा देश, पूरी दुनिया ही एक कक्षा की भांति होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका मानना है कि उद्यमिता युवाओं को भविष्य के लिए तैयार करने में मदद करती है। उन्होंने कहा, ‘‘हम भारत में उद्यमिता को भी बढ़ावा दे रहे हैं। इससे हमारे उद्योगों को भी उचित कौशल से जुड़े कार्यबल की पहचान करने में आसानी होगी।’’