कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए काफी समय से विवाद चला रहा था। हालांकि आज कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव की लड़ाई में मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर दोनों आमने- सामने है। दोनों की किस्मत का फैसला हो जाएगा। इसके बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रही सियासी लड़ाई पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
गहलोत पर गांधी परिवार का भरोसा हुआ कमजोर
बता दे कि पिछले महीने के अंत में जयपुर में पार्टी के द्वारा बुलाई गई बैठक में कुल 82 कांग्रेसी विधायकों के शामिल नहीं होने की वजह से विवाद काफी ज्यादा बढ़ गया था।यह बैठक अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे अशोक गहलोत के उत्तराधिकारी चुनने के लिए बुलाई गई थी। इसके साथ ही अशोक गहलोत लंबे समय से नेहरू-गांधी परिवार के वफादार जाने जाते है, लेकिन बीते दिनों में जो कुछ भी हुआ उनकी सियासी ड्रामेबाजी की वजह से गांधी परिवार का भरोसा कमजोर हो गया है। इतना ही नहीं सचिन पायलट ने भी अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत की थी।
सचिन पायलट को लेकर भी पूरी तरह से आश्वस्त नहीं
इस मामले में कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा है कि अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री पद पर रहने के लिए गांधी परिवार बिल्कुल भी खुस नहीं है। साथ ही वे सचिन पायलट को लेकर भी पूरी तरह से आश्वस्त नहीं है।लेकिन लगता है कि पार्टी गहलोत और पायलट से किसी भी नाम पर सहमति बन सकती है। कांग्रेस ने पंजाब में भी ऐसा ही फार्मूला लागू किया था। जो पार्टी के लिए काफी ज्यादा नुकसानदायक साबित हुआ था। जिसकी वजह से विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा।