कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने शनिवार को कोविड-19 टीकों का उत्पादन बढ़ाने के लिये प्रमुख दवा निर्माता कंपनियों की मदद लेने और देशभर में ”मिशन मोड” में टीकाकरण अभियान चलाने के लिये हाल ही में सेवानिवृत हुए नर्सिंग और पैरामेडिकल कर्मियों को दोबारा भर्ती करने का सुझाव दिया।
पूर्व केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री आजाद को कोविड-19 राहत को लेकर समन्वय स्थापित करने के लिये हाल ही में कांग्रेस पार्टी के 13 सदस्यीय कार्यबल का प्रमुख बनाया गया है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को शनिवार को लिखे पत्र में कुछ सुझाव दिये तथा उम्मीद जतायी कि इन ”रचनात्मक सुझावों” पर सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ विचार किया जाएगा।
आजाद ने टीकों, मानव संसाधन, बुनियादी ढांचे और ऑक्सीजन की कमी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनके सुझाव केंद्र और राज्य सरकारों, विभिन्न संगठनों द्वारा किए जा रहे प्रयासों और डॉक्टरों और सुरक्षा बलों सहित अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर्मियों के असाधारण योगदान के पूरक हैं।
पत्र में कहा गया है, ”मुझे जानकारी मिली है कि देश में 21 प्रमुख टीका निर्माता दवा कंपनियां हैं। इन सभी दवा कंपनियों के पास जैव-सुरक्षा मानदंडों के अनुरूप अत्याधुनिक विनिर्माण सुविधाएं हैं।”
उन्होने कहा, ”जानकारी के अनुसार उनमें से सात कंपनियां डब्ल्यूएचओ की पूर्व-योग्य निर्माता/आपूर्तिकर्ता हैं। ऐसी ही दो प्रतिष्ठित टीका निर्माता कंपनियां सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) और भारत बायोटेक क्रमशः कोविशिल्ड और कोवैक्सिन का उत्पादन कर रही हैं। देखा गया है कि अथक प्रयासों के बावजूद वे राष्ट्रीय आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर पा रही हैं।”
उन्होंने कहा कि वर्तमान उत्पादन क्षमता और आपूर्ति के अनुसार टीकाकरण का वांछित लक्ष्य 2022 की पहली तिमाही में पूरा होगा। ऐसे में टीकों का उत्पादन और आपूर्ति बढ़ाए जाने की आवश्यकता है।
आजाद ने कुशल मानव संसाधन का जिक्र करते हुए कहा कि 2009 से 2014 तक केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के रूप में उनका ध्यान स्वास्थ्य मानव संसाधन की उपलब्धता में वृद्धि करने पर था।
उन्होंने कहा कि अंतिम वर्ष के मेडिकल छात्रों, पीजी परीक्षाओं में बैठने वाले रेजिडेंट डॉक्टरों और नर्सिंग छात्रों की सेवाएं लेने के लिये अधिसूचना जारी की जा सकती है। इसके अलावा हाल ही में सेवानिवृत हुए नर्सिंग और पैरामेडिकल कर्मियों की दोबारा भर्ती की जा सकती है।
इसके अतिरिक्त उन्होंने देशभर में ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाने के लिये विभिन्न एजेंसियों की मदद लेने का भी सुझाव दिया।