लुधियाना-गिदड़बाहा : दो दिन पहले हरियाणा स्थित पंचकूला में हुई हिंसा के दौरान जहां 32 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की सूचना है उनमें 7 लोगों का संबंध पंजाब से है, उन्हीं मृतक पंजाबियों में डेरा पे्रमियों द्वारा की गई हिंसा में एक सिख परिवार का नाबालिग बच्चा लवप्रीत सिंह जिसकी उम्र 15 साल के करीब बताई जा रही है, वह भी बिना वजह मौत के मुंह में चला गया।
जानकारी अनुसार गिदड़बाहा के इलाके गांव खालसा खेड़ी के रहने वाले काका सिंह का पुत्र लवप्रीत पड़ोसी राज्य राजस्थान के मोहनपुरा गांव में अपनी बुआ के पास मिलने गया था, जहां से उसका फूफड़ इकबाल सिंह जो डेरा सच्चा सौदा के गुरमीत राम रहीम का पक्का जुनूनी अनुयायी है, वह लवप्रीत को पहले हरियाणा स्थित सिरसा में उसके पश्चात अपने सतसंगी अनुयायियों के साथ पंचकूला ले गया, जहां डेरा प्रेमियों द्वारा की गई हिंसा में लवप्रीत की बैकसाइड पीठ पर गोली लगने से मौत हो गई। लवप्रीत की ङ्क्षहसा में हुई इस नाजायज मौत का समाचार सुनते ही समस्त इलाके में शोक सी लहर है।
मृतक बच्चे के चाचा राजू सिंह ने बताया कि उसका भतीजा दो दिन पहले ही श्री गंगा नगर स्थित गांव मोहनपुरा में बड़ी खुशी के साथ बुआ को मिलने चला गया था, उन्हें क्या पता था, खुशी-खुशी विदा होने वाले अपने बच्चे की लाश लेकर लौटेंगा। दूसरी तरफ पुलिस स्टेशन गिदड़बाहा की पुलिस ने भी इस घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि मृतक लवप्रीत सिंह उर्फ बुगी की मृतक देह को लेने के लिए स्थानीय समाज सेवी संस्था राहत फाउंडेशन की एम्बूलेस द्वारा थाना गिदड़बाह के एएसआई महिंद्र सिंह और कांसटेबल रंजीत सिंह पंचकूला के लिए रवाना हो गए है।
उन्होंने बताया कि मृतक लवप्रीत की लाश देर शाम 8-9 बजे गांव में पहुंचने की उम्मीद है। इसी संबंध में लवप्रीत के चाचा राजू सिंह ने बताया कि बुगी की मौत के बारे में अभी तक उसकी मां संदीप कौर, भाई और बहनों को जानकारी नहीं दी गई और उनको सिर्फ इतना ही बताया गया है कि बुगी पंचकूला की हिंसा के दौरान घायल हुआ है और उसको प्रारंभिक इलाज के बाद गांव लाया जा रहा है।
उधर अपने बेटे की मौत से बेखबर उसकी मां संदीप का रो-रोकर अपने बेटे के लौटने का इंतजार है और वह बार-बार ऊपर आसमान में बसने वाले रब्ब के आगे हाथ जोड़कर अरदास कर रही है कि उसका बच्चा सकुशल उसके पास आ जाएं आइंदा से वह कभी भी उसे डेरा राम रहीम वालों के पास नहीं भेजेगी। अब ममतामयी मां को कौन समझाएं कि उसके जिगर का टुकड़ा हमेशा के लिए इस दुनिया को अलविदा कर चुका है।
– सुनीलराय कामरेड