केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के मत्स्य मंत्रालय बनाये जाने की मांग से जुड़े बयान पर मंगलवार को उन्हें आड़े हाथ लेते हुए सवाल किया कि जब उन्होंने दो फरवरी को लोकसभा में इस मंत्रालय से स्वयं प्रश्न पूछा था तो क्या पुडुचेरी जाकर उनकी ‘‘याद्दाश्त’’ खो गयी थी?
लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान गिरिराज सिंह ने उनके मंत्रालय से संबंधित सुनीता दुग्गल के पूरक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा, ‘‘ कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने दो फरवरी को इसी मंत्रालय से प्रश्न किया था लेकिन पुडुचेरी में जाकर क्या उनकी यादाश्त खो गई । ’’
उन्होंने कहा कि वह (राहुल गांधी) मछुआरों के लिए अलग मंत्रालय की बात कर रहे हैं लेकिन उन्होंने प्रश्न इसी मंत्रालय से पूछा था। सिंह ने कहा, ‘‘ मैं संवैधानिक प्रश्न खड़ा करना चाहता हूं कि वह प्रश्न किसका था? ’’ उन्होंने कहा कि मत्स्य, पशुपालन, डेयरी मंत्रालय पहले से ही मौजूद है।
उल्लेखनीय है कि दो फरवरी को लोकसभा में राहुल गांधी के प्रश्न के लिखित उत्तर में गिरिराज सिंह के कनिष्ठ मंत्री प्रताप सारंगी ने कहा कि मत्स्य क्षेत्र की आधारभूत संरचना से जुड़ी जरूरतों को पूरा करने के लिये वर्ष 2018-19 के दौरान मत्स्य विभाग तथा मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय सृजित किया गया गया था । इसमें मत्स्य एवं मत्स्य पालन आधारभूत ढांचा विकास कोष (एफआईडीएफ) के तहत 7522.48 करोड़ रूपये का कोष रखा गया था ।
गौरतलब है कि राहुल गांधी ने पुडुचेरी के अपने हालिया दौरे में मत्स्य पालन के लिए समर्पित मंत्रालय की मांग उठाई थी। उन्होंने कुछ दिनों पहले ट्वीट कर कहा था, ‘‘प्रधानमंत्री जी, मछुआरों के लिए एक स्वतंत्र और समर्पित मत्स्य मंत्रालय की जरूरत है, न कि किसी मंत्रालय में कोई एक विभाग की।’’
राहुल गांधी के इस बयान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह सहित भाजपा के कई नेताओं ने तंज किया था और यह ध्यान दिलाया था कि मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय पहले से है ।
वहीं, निचले सदन में एक पूरक प्रश्न के उत्तर में गिरिराज सिंह ने कहा कि मोदी सरकार के शासनकाल के दौरान मत्स्य क्षेत्र की वृद्धि दर 10.87 प्रतिशत दर्ज की गयी जबकि कांग्रेस के शासन के दौरान यह 5.27 प्रतिशत थी ।