पणजी : केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री हर्ष वर्धन ने गोवा में एक कोयला नियंत्रण प्रतिष्ठान के कारण प्रदूषण फैलने के बारे में कोई भी टिप्पणी करने से परहेज किया और कहा कि राज्य से जुड़ किसी मुद्दे पर वह कोई खास टिप्पणी नहीं कर सकते हालांकि उन्होंने देश की ऊर्जा जरूरतों के लिए कोयले की आवश्यकता पर जोर दिया। गोवा के मरमुगाओ पोर्ट ट्रस्ट (एमपीटी) ने अपनी जगह अडानी मरमुगाओ पोर्ट टर्मिनल प्राइवेट लिमिटेट (एएमपीटीपीएल) और साउथ वेस्ट पोर्ट लिमिटेड (एसडब्ल्यूपीएल) को पट्टे पर दी है। स्थानीय निवासियों के साथ ही कांग्रेस कोयले से जुड़ कामकाज का विरोध कर रही है। इनका दावा है कि ये जो प्रदूषण फैला रहे हैं वह वास्को को प्रभावित कर रहा है।
एमपीटी प्रतिष्ठान को ले कर हो रहे विरोध के बारे में पूछे जाने पर हर्षवर्धन ने संवाददाताओं से कहा, किसी राज्य से जुड़ मुद्दों पर कोई खास टिप्पणियां नहीं हो सकतीं। ये सामान्य मुद्दे हैं। उन्होंने कहा कि देश की रूर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए कोयले की आवश्यकता है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा, देश आहिस्ता आहिस्ता और बेहद कडाई के साथ यह सुनिश्चित करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है कि वर्ष 2022 तक हम अपने आप को 175 जीडब्ल्यू स्वच्छ रूर्जा बनाने में तब्दील कर लें। मंत्री ने कहा कि गोवा सहित प्रत्येक राज्य को इस दिशा में अपनी जिम्मेदारी पूरी करनी है। इसबीच कांग्रेस ने आज गोवा सरकार से कोयले से जुड़ सभी परियोजनाओं के साथ ही वर्तमान की सभी परियोजनाओं को जनता की खातिर बंद करने की मांग की।
कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता ए रेगिनाल्डो लॉरेंस ने केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी पर कुइ कॉरपोरेट्स के लिए भ्रष्टाचार और सथा के दुरुपयोग का आरोप लगाया। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, हम गोवा में कोयले से जुड़ सभी परियोजनाओं को तत्काल बंद करने की मांग करते हैं। साथ ही कुछ कॉर्पोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी और भाजपा के कुछ नेताओं के भ्रष्टाचार और सथा के दुरुपयोग की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग करते हैं। उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर पऱ्किर की सरकार पर भी आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार निजी कॉर्पोरेश्न्स के लिए काम कर रही है और उस राज्य को तबाह कर रही है जो अपनी पारिस्थितिकी के लिए जाना जाता है।