असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ न्यायाधीशों की ओर से मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा पर लगाए गए आरोपों को वेरीफाई करने के लिए जांच होनी चाहिए। गोगोई ने मुख्य न्यायाधीश पर लगे आरोपों को अभूतपूर्व करार दिया। गोगोई ने बुधवार को कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट की विश्वसनीयता गिरती है तो उच्च न्यायालयों व अधीनस्थ अदालतों का क्या होगा।
उन्होंने कहा कि किसी को तो आरोपों की जांच करनी होगी। सुप्रीम कोर्ट को तय करने दीजिए। वहां बार काउंसिल भी है। मुख्य न्यायाधीश ने जरूर कुछ किया है,अन्यथा चार जज उनके खिलाफ क्यों बोलते। अगर आरोप झूठे हैं तो भी लोगों को यह पता लगना चाहिए। इस तरह की गलितियों की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए विस्तृत जांच करने दीजिए।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि अगर लोगों का न्यायपालिका से भरोसा उठता है तो भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में यह बड़ी समस्या है। न्यायाधीश भारत के लोगों के प्रति जवाबदेह हैं। वे सुप्रीम नहीं है। लोग सुप्रीम है। गोगोई ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जजों से लेकर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री तक लोगों के प्रति उत्तरदायी हैं। लोगों ने संविधान के जरिए उन्हें जिम्मेदारी सौंपी है।
आपको बता दें कि गत शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के चार न्यायाधीशों ने सुप्रीम कोर्ट की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल खड़े किए थे। चारों न्यायाधीशों ने प्रेस कांफ्रेंस कर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा पर गंभीर सवाल खड़े किए थे। गोगोई ने कहा कि वह किसान नेता अखिल गोगोई के राजनेता के रूप में भविष्य नहीं देखते।
उन्होंने पत्रकारों से कहा कि जिस तरह से वह मसलों पर एक्स्ट्रीम लाइन लेते हैं उस कारण कृषक मुक्ति संग्राम समिति के सलाहकार राजनेता के रूप में सफल नहीं होंगे। आपको बता दें कि अखिल गोगोई ने 2021 में असम में होने वाले विधानसभा चुनाव में हिस्सा लेने की घोषणा की है।
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