नयी दिल्ली : दिग्गज सर्च इंजन वेबसाइट ने पहली बार तिब्बत का नक्शा बनाने वाले नैन सिंह रावत की 187 जयंती के अवसर पर एक डूडल बनाया है। कुमारूं की जोहार घाटी के रहने वाले रावत का जन्म 1830 में हुआ था। यह इलाका अब उत्तराखंड में है। ब्रिटेन के लिए हिमालय के क्षेत्रों का अन्वेषण करने वाले वह शुरुआती भारतीयों में से थे। वह 19वीं सदी के दूसरे हिस्से में देशी सर्वेक्षणकर्ताओं के समूह में शामिल थे। उस दौरान ऐसे लोगों को पंडित कहा जाता था, जिन्होंने उत्तर भारत के क्षेत्रों की खोज की थी। विश्व की भू-राजनीतिक स्थिति के कारण अन्वेषणकर्ताओं के बीच मध्य एशिया का मानचित्र तैयार करने और वहां के लोगों एवं रीति-रिवाजों को समझने की होड़ थी।
ब्रिटिश समूचे भारतीय उप-महाद्वीप के बारे में जानकारी हासिल करना चाहते थे और इस लक्ष्य के साथ उन्होंने ग्रेट ट्रिग्नोमेट्रिकल सर्वे की शुरुआत की। परियोजना के तहत भारत के सीमावर्ती राज्यों के लोगों को सर्वेक्षण करने का प्रशिक्षण दिया गया था। ऐसा इसलिए किया गया था क्योंकि पड़ोसी देश खासकर तिब्बत के लोग पश्चिमी देशों के लोगों को प्रवेश नहीं करने देते थे। ये लोग कड़े प्रशिक्षण से गुजरे और व्यापारी या संन्यासी का भेस धारण करने में महारत हासिल की।
रावत ने भी तिब्बती संन्यासी का रूप धारण किया और कुमारूं से काठमांडो, ल्हासा और तवांग जैसे स्थानों पर पैदल गए। वह तिब्बत का मानचित्रण करने और ल्हासा की सटीक स्थिति और रूंचाई बताने वाले पहले व्यक्ति थे। डूडल को हरि और दीप्ति पैनिकर ने डिजाइन किया है। सुनहरे रंग के डूडल में रावत खड़े होकर रूंचे पर्वतों की दूसरी ओर सूर्य को देख रहे हैं। उनके पास एक ट्राइपोड स्टैंड भी नजर आ रहा है।