सर्च इंजन गूगल (Google) ने अपनी मासिक ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट (Monthly Transparency Report) पेश की। रिपोर्ट के अनुसार गूगल ने भारत में मई और जून के महीनों में 11.6 लाख से अधिक आप्पतिजनक ऑनलाइन कंटेंट को हटा दिया है। गूगल की ये कार्रवाई 26 मई को लागू हुए भारत के नए आईटी नियमों के तहत की गई है।
सोशल मीडिया एसएसएमआईएस को बताया गया कि, दो महीनों के लिए अपनी मासिक ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट के हिस्से के रूप में, गूगल ने भारत में यूजर्स से प्राप्त शिकायतों और उन पर की गई कार्रवाई के विवरण के अलावा, रिपोर्ट में अब स्वचालित पहचान प्रक्रियाओं के परिणामस्वरूप की गई कार्रवाइयों को हटा दिया है।
गूगल ने अपनी स्वचालित पहचान प्रक्रियाओं के माध्यम से मई में हार्मफुल कंटेन्ट के 634,357 और जून 2021 के लिए 526,866 को हटा दिया। टेक जायंट ने बयान में कहा, ये आंकड़े एक महीने की रिपोटिर्ंग अवधि के दौरान स्वचालित पहचान प्रक्रियाओं के परिणामस्वरूप हमारे एसएसएमआई प्लेटफॉर्म पर भारत में उपयोगकतार्ओं से सामग्री पर हटाने की कार्रवाई की संख्या दिखाते हैं।
फेसबुक, व्हाट्सऐप और ट्विटर जैसी अन्य सोशल मीडिया फर्मों ने भी नए आईटी नियमों के तहत अपनी मासिक पारदर्शिता रिपोर्ट प्रस्तुत की है। अपने रुख को दोहराते हुए कि नए आईटी नियम निजता के अधिकार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन नहीं करते हैं। सरकार ने बुधवार को संसद को बताया कि उनकी समीक्षा करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
नियमों ने बड़े विवाद को जन्म दिया क्योंकि माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर शुरू में कुछ मानदंडों का पालन करने के लिए तैसर नही था। इस कारण तत्कालीन इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्लेटफॉर्म पर मानदंडों के घोर उल्लंघन का आरोप लगाया था। हालांकि, ट्विटर ने अब देश में एक शिकायत अधिकारी की नियुक्ति सहित विवादास्पद मानदंडों का पालन किया है। गूगल सहित अन्य महत्वपूर्ण सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने पहले ही नियमों का पालन किया था।