राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर लगभग 11 महीनों से किसान केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे है। तो वहीं, देश के विपक्षी दल लगातार केंद्र की मोदी सरकार को इस मसले पर घेर रही है। उधर, किसानों के संगठन का कहना है कि केंद्र सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को खत्म कर देगी और किसान असहाय हो जाएगा।
इसी बीच कांग्रेस ने सोमवार को सरकार पर किसानों की अनदेखी करने का आरोप लगाया और यह दावा किया कि सरकारी एजेंसी ‘एगमार्कनेट’ ने स्वीकार किया है कि देश में कृषकों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) नहीं मिल रहा है।
सुरजेवाला ने सरकार से पूछे तीखे सवाल
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह सवाल भी किया कि जब किसानों को उनकी फसल की लागत भी नहीं मिल रही है तो 2022 तक उनकी आय दोगुनी कैसे होगी? उन्होंने एक बयान में एगमार्कनेट की वेबसाइट का लिंक साझा करते हुए कहा, ‘‘सरकार की अपनी एजेंसी एगमार्कनेट ने अब मान लिया है कि किसानों को खरीफ फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिल रहा।
वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़े बताते हैं कि मोदी सरकार किसानों को ‘लागत + 50 प्रतिशत मुनाफा’ देना तो दूर देश के अन्नदाता को उसकी फसल की लागत भी नहीं सुनिश्चित करवा पा रही है।’’
मोदी सरकार का किसान विरोधी चेहरा सबके सामने उजागर हो गया
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ इससे मोदी सरकार का किसान विरोधी चेहरा सबके सामने उजागर हो गया है और यह साफ सिद्ध हो गया है कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का वादा देश के अन्नदाता को बहका कर उसके वोट लेने के लिए गढ़ा गया केवल एक चुनावी जुमला था और उसका सच्चाई से दूर-दूर तक कोई सरोकार नहीं था।’’
कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने साधा मोदी सरकार पर निशाना
सुरजेवाला ने सवाल किया, ‘‘मोदी सरकार किसान को खरीफ फसलों का लागत मूल्य भी नहीं दे रही – तो फिर वादे के अनुरूप ‘लागत+50 प्रतिशत मुनाफा’ कब देगी?’’ उन्होंने धान समेत कई फसलों के लागत मूल्य और उनके खरीद मूल्य का चार्ट साझा करते हुए आरोप लगाया कि मोदी सरकार साजिश के तहत एमएसपी पर फसल खरीदी कम कर रही है। कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘‘कांग्रेस पूछना चाहती है कि यदि न्यूनतम समर्थन मूल्य देना ही नहीं है, तो यह सरकार घोषणा भी क्यों करती है?’’