केंद्र की मोदी सरकार ने आयुध फैक्टरी बोर्ड (ओएफबी) के सरकारी स्वामित्व वाली सात शाखाओं में विभाजन के बाद इसके कर्मचारियों के हितों की रक्षा का सोमवार को आश्वासन दिया। महत्वपूर्ण सुधार की दिशा में कदम बढ़ाते हुए सरकार ने जून में रक्षा क्षेत्र के महत्वपूर्ण संगठन ओएफबी के पुनर्गठन की मंजूरी दी थी।
यह प्रस्ताव काफी समय से लंबित था। ओएफबी देश भर में हथियार, गोलाबारूद और सैन्य उपकरणों के निर्माण की 41 इकाइयों का संचालन करता है। इसकी दक्षता बढ़ाने तथा इसे और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए इसके पुनर्गठन की मंजूरी दी गई।
रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने राज्यसभा को बताया ‘‘सरकार ओएफबी का निगमीकरण करने के बाद इसके कर्मचारियों के हितों की रक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है। ओएफबी के ए, बी और सी…सभी समूहों के कर्मचारियों को जल्द ही बनने वाले रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (डीपीएसयू) में स्थानांतरित किया जाएगा, चाहे ये कर्मचारी उत्पादन इकाइयों के हों या गैर-उत्पादन इकाइयों के हों।’’
उन्होंने बताया ‘‘यह तय किया गया है कि ओएफबी की उत्पादन इकाइयों तथा गैर-उत्पादन इकाइयों के समूह ए बी और सी के सभी कर्मचारियों को डीपीएसयू में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। यह स्थानांतरण बिना किसी परिवीक्षा भत्ते के होगा। शुरू में यह स्थानांतरण नियुक्ति की तारीख से दो साल की अवधि के लिए होगा।’’
भट्ट ने बताया कि ओएफबी मुख्यालय, ओएफबी के नयी दिल्ली स्थित कार्यालय और ओएफबी स्कूलों तथा अस्पतालों के सभी कर्मचारियों को आयुध फैक्टरी निदेशालय स्थानांतरित किया जाएगा। यह निदेशालय रक्षा उत्पादन विभाग के तहत तैयार किया जाएगा। कर्मचारियों का स्थानांतरण नियुक्ति की तारीख से दो साल की अवधि के लिए होगा। उन्होंने बताया कि इन कर्मचारियों पर वही नियम लागू होंगे जो केंद्र सरकार के कर्मचारियों पर लागू होते हैं।
एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि भारतीय वायु सेना के आधुनिकीकरण के लिए बहुपक्षीय पहल अपनाई गई है जिसमें स्वदेशीकरण, उन्नयन और एकीकरण शामिल है। इसके तहत नयी हथियार प्रणालियां, प्लेटफॉर्म, अत्याधुनिक विमान, वायु रक्षा प्रणालियां शामिल की गई हैं।
उन्होंने बताया कि कई हथियार प्रणालियां तो काम भी शुरू कर चुकी हैं। पूरी सावधानी के साथ अपनाई जा रही इस पहल के चलते भारतीय वायु सेना एक आधुनिक नेटवर्क केंद्रित बल में बदल गई है जो संघर्ष की स्थिति में कई तरह की भूमिकाएं निभा सकता है। भट्ट ने एक अन्य प्रश्न के उत्तर में बताया कि छावनी विधेयक 2021 का मसौदा सरकार के विचाराधीन है।
रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने राज्यसभा को बताया ‘‘सरकार ओएफबी का निगमीकरण करने के बाद इसके कर्मचारियों के हितों की रक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है। ओएफबी के ए, बी और सी…सभी समूहों के कर्मचारियों को जल्द ही बनने वाले रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (डीपीएसयू) में स्थानांतरित किया जाएगा, चाहे ये कर्मचारी उत्पादन इकाइयों के हों या गैर-उत्पादन इकाइयों के हों।’’
उन्होंने बताया ‘‘यह तय किया गया है कि ओएफबी की उत्पादन इकाइयों तथा गैर-उत्पादन इकाइयों के समूह ए बी और सी के सभी कर्मचारियों को डीपीएसयू में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। यह स्थानांतरण बिना किसी परिवीक्षा भत्ते के होगा। शुरू में यह स्थानांतरण नियुक्ति की तारीख से दो साल की अवधि के लिए होगा।’’
भट्ट ने बताया कि ओएफबी मुख्यालय, ओएफबी के नयी दिल्ली स्थित कार्यालय और ओएफबी स्कूलों तथा अस्पतालों के सभी कर्मचारियों को आयुध फैक्टरी निदेशालय स्थानांतरित किया जाएगा। यह निदेशालय रक्षा उत्पादन विभाग के तहत तैयार किया जाएगा। कर्मचारियों का स्थानांतरण नियुक्ति की तारीख से दो साल की अवधि के लिए होगा। उन्होंने बताया कि इन कर्मचारियों पर वही नियम लागू होंगे जो केंद्र सरकार के कर्मचारियों पर लागू होते हैं।
एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि भारतीय वायु सेना के आधुनिकीकरण के लिए बहुपक्षीय पहल अपनाई गई है जिसमें स्वदेशीकरण, उन्नयन और एकीकरण शामिल है। इसके तहत नयी हथियार प्रणालियां, प्लेटफॉर्म, अत्याधुनिक विमान, वायु रक्षा प्रणालियां शामिल की गई हैं।
उन्होंने बताया कि कई हथियार प्रणालियां तो काम भी शुरू कर चुकी हैं। पूरी सावधानी के साथ अपनाई जा रही इस पहल के चलते भारतीय वायु सेना एक आधुनिक नेटवर्क केंद्रित बल में बदल गई है जो संघर्ष की स्थिति में कई तरह की भूमिकाएं निभा सकता है। भट्ट ने एक अन्य प्रश्न के उत्तर में बताया कि छावनी विधेयक 2021 का मसौदा सरकार के विचाराधीन है।